सुप्रीम कोर्ट ने दो लड़कियों को कथित तौर पर बंधक बनाने के मामले में सद्गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ केस बंद करने का फैसला किया है।CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने शुक्रवार को कहा कि मद्रास हाईकोर्ट का इस तरह की याचिका पर जांच के आदेश देना सही नहीं था।कोर्ट ने कहा कि लड़कियों के पिता की याचिका गलत है, क्योंकि दोनों लड़कियां बालिग हैं और वो अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि इस फैसले का असर सिर्फ इसी केस तक सीमित रहेगा।दरअसल, फाउंडेशन के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। उनका आरोप था कि आश्रम में उनकी बेटियों लता और गीता को बंधक बनाकर रखा गया है।हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को ईशा फाउंडेशन से जुड़े सभी क्रिमिनल केसों की डिटेल पेश करने का आदेश दिया था। अगले दिन 1 अक्टूबर को करीब 150 पुलिसकर्मी फाउंडेशन के हेडक्वार्टर पहुंचे थे।सद्गुरु ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर को मद्रास हाईकोर्ट के फाउंडेशन के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश पर रोक लगाई थी।