गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट पूरी दुनिया में अपने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. गूगल के सीईओ ने स्टॉक मेमो में बताया है कि कंपनी अल्फाबेट 12000 लोगों की छंटनी करने जा रही है जो उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का 6 फीसदी है. गूगल के मुताबिक पूरी दुनिया में इस छंटनी से गूगल के कर्मचारी प्रभावित होंगे लेकिन अमेरिका में गूगल के कर्मचारियों पर इसका असर फौरन पड़ेगा. दो दिन पहले ही माइक्रोसॉफ्ट ने भी 10,000 कर्मचारियों की छंटनी का एलान किया था. हाल के दिनों में टेक्नोलॉजी सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियां छंटनी करने में जुटी हैं. 

गूगल की इंस छंटनी में सभी टीम प्रभावित होंगी जिसमें रिक्रूटमेंट के साथ कॉरपोरेट फंक्शन के अलावा इंजीनियरिंग और प्रोडक्ट्स टीम भी शामिल है. गूगल ने कहा कि ये छंटनी वैश्विक स्तर पर किया जा रहा है और अमेरिका में इसका असर फौरन देखने को मिलेगा. गूगल में छंटनी की वजह आर्थिक अनिश्चितता है लेकिन बड़ी बात ये है कि ये ऐसे समय किया जा रहा है जब कंपनियां टेकनोलॉ़जी के लेवल पर बड़े-बड़े वादे कर रही हैं. जिसमें Google और Microsoft सॉफ्टवेयर के नए क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं जिसे जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तौर पर जाना जाता है. अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने नोट में कहा, मैं अपने मिशन की ताकत, हमारे प्रोडक्ट और सर्विसेज, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हमारे शुरुआती निवेश की बदौलत हमारे सामने बड़े अवसर को लेकर आश्वस्त हूं.

दरअसल हाल के दिनों में दुनियाभर में छाई मंदी के बादल के बाद बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां छंटनी का दौर चला रही हैं. कर्मचारियों की नौकरी पर संकट बना हुआ है. खराब होते ग्लोबल आउटलुक को देखते हुए अमेरिका की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां जैसे अमेजन, मेटा ने भी छंटनी की है. और इस कड़ी में गूगल माइक्रोसॉफ्ट का नाम भी जुड़ गया है. दरअसल कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया घर से वर्क फ्रॉम होम कर रही थी तो आईटी कंपनियों के लिए बड़ा अवसर पैदा हो गया था. कंपनियों ने इस दौरान जमकर हारयरिंग की. लेकिन अब हालात सामान्य हो रहे हैं कर्मचारी दफ्तर जाने लगे हैं तो वही कर्मचारी अब कंपनियों को चुभने लगे हैं.