देश की राजधानी दिल्ली के कंझावला में कार से 12 किलोमीटर एक लड़की को घसीटे जाने के मामले में बड़ा खुलासा किया गया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय सौंप दी है. शुरुआती जांच में लापरवाही बरते के बाद दिल्ली पुलिस ने कंझावला डेथ केस (Kanjhawala Death Case) में मान लिया है कि अंजलि की मौत हादसे से नहीं हुई है, बल्कि उसकी हत्या हुई है. स्पेशल सीपी शालिनी सिंह की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
कंझावला डेथ केस (Kanjhawala Death Case) में दिल्ली पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दिल्ली पुलिस राजधानी में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था करने का दावा करती है, लेकिन अंजलि केस ने पुलिस के सारे दावे की पोल खोलकर रख दी है. नए साल की पूर्व संध्या पर एक कार सरेराह अंजलि को 12 किमी तक सड़क पर घसीटते हुई चली गई, लेकिन पीसीआर वैन में बैठे किसी भी पुलिस वाले की नजर इस पर नहीं पड़ी. शुरुआती जांच में पुलिस अंजलि की मौत को हादसा मान रही थी, लेकिन अब जांच में पता चला है कि ये हत्या है.
कंझावला डेथ केस (Kanjhawala Death Case) में दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को स्पेशल सीपी शालिनी सिंह की 12 जनवरी को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये मामला हादसे का नहीं हत्या का है. आरोपियों का मालूम था कि उनकी गाड़ी में कोई फंसा है. हैरिपोर्ट में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की तरफ से लापरवाही की बात कही गई है. वारदात के वक्त 3 पीसीआर वैन तैनात थीं और 2 पुलिस पिकेट में तैनात जवानों ने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई.
वहीं, दिल्ली कंझावला मामले (Kanjhawala Death Case) में केंद्र ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा और पीसीआर पुलिस के निलंबन की मांग की है. सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय के एक पैनल ने दिल्ली पुलिस से आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने का आग्रह किया है.