दरकती जमीन के कारण उत्तराखंड के जोशीमठ में रहने के लिए असुरक्षित हो चुके भवनों को जमींदोज करने का काम आज से शुरू हो रहा है. अभियान के तहत सबसे पहले 2 होटल्स, मलारी इन और माउंट व्यू को सबसे पहले ढहाया जाएगा. अब तक इस इलाके से 678 भवन खाली कराए जा चुके हैं. इनमें से 200 से ज्यादा पर लाल निशान लगाया गया है.
वहीं 1976 में गढ़वाल कमिश्नर मुकेश मिश्रा की अध्यक्षता में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें साफ कहा गया था कि जोशीमठ रेतीली मिट्टी और ग्लेशियर के साथ बहकर आई मिट्टी पर बसा हुआ है. अब इसकी नींव या जड़ को छेड़ा गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
इसके अलावा रिपोर्ट में खनन या ब्लास्ट पर रोक लगाने और अलकनंदा नदी के किनारे सुरक्षा वॉल बनाने का भी सुझाव दिया गया था लेकिन इस रिपोर्ट को नजरअंदाज कर दिया गया था.