साल 2023 का मूलांक 7 बन रहा है और अंक ज्योतिष में 7 मूलांक के स्वामी केतु हैं। केतु के कारण नया साल काफी विचित्र हो सकता है। नए साल में केतु के कारण कुछ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं, जो सभी को हैरान कर दें। केतु का संबंध वायरल रोगों से भी माना जाता है। नए साल 2023 में रोगों से भी विश्व स्तर पर जन-धन की हानि का संयोग बन रहा है। ऐसे में नए साल 2023 को शुभ बनाने के लिए ज्योतिष में सभी राशियों के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से ना सिर्फ जीवन में सुख-समृद्धि आएगी बल्कि केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। आइए जानते हैं साल 2023 को लाभदायक बनाने के लिए केतु के ये उपाय
साल 2023 को मंगलमय बनाने के लिए भगवान कृष्ण की नाग पर नाचते हुए प्रतिमा को हर रोज देखें और पूजन करें। पूजन में 'ॐ नमो : भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जप करें और उसके बीज मंत्र का भी जप करें। ऐसा करने से नए साल के जितने भी दुष्प्रभाव हैं, उनसे मुक्ति मिलेगी।
नए साल 2023 को लाभदायक बनाने के लिए और केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए भैरवजी की पूजा-उपासना करें और उनको केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं और श्री भैरव चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की परिक्रमा करके नाग मूर्ति की भी पूजा करें। ऐसा करने से केतु शांति में लाभकारी सिद्ध होता है और जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।
नए साल 2023 को लाभदायक बनाने के लिए नए साल के पहले दिन पीपल के वृक्ष को जल दें और उसके नीचे कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। साथ ही हर रोज गणेश भगवान की पूजा-पाठ करें और 21 दूर्वा दल अर्पित करें। पूजा के बाद गणेश द्वादश नामक स्त्रोत का पाठ करें, ऐसा करने से केतु शांत रहता है और जीवन में तरक्की के नए मार्ग प्रशस्त होते हैं।
नए साल को शुभ और लाभदायक बनाने के लिए नींबू, चाकू, आंवले का अचार, आमचूर, सप्तधान्य शस्त्र, तिल आदि का दान करना बहुत शुभ माना गया है। साथ ही घर के बड़े बुजुर्गों की सेवा और ध्यान करने से भी केतु का शुभ प्रभाव पड़ता है।
साल के पहले दिन ग्रहण योग भी बन रहा है इसलिए साल के पहले दिन अश्वगंधा का पौधा लगाएं और भूरे रंग के वस्त्र धारण करके काले तिल का दान करें। साथ ही किसी मंदिर में जाकर झंडा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से ग्रहण योग के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है और नए साल ही भाग्य का साथ मिलता है, जिससे करियर में तरक्की के योग बनते हैं।