इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है.
कोर्ट ने प्रदेश सरकार की ओर से जारी ड्राफ्ट नोटिफ़िकेशन को रद्द कर दिया है और ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने के लिए कहा है.
नोटिफ़िकेशन में उत्तर प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर जो फार्मूला लागू किया था, उस पर कोर्ट सहमत नहीं हुआ.
इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर पांच दिसंबर को जो अधिसूचना जारी की थी उसे भी खारिज़ कर दिया है.
कोर्ट के इस फैसले के बाद ओबीसी आरक्षण को लेकर एक नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है. इस फैसले के बाद खुद बीजेपी भी मुश्किल है.