देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार अलर्ट पर है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को लेटर भेजा है। इसमें लिखा है कि देश में कोरोना की रफ्तार धीमी है, लेकिन हमें आने वाली चुनौती के लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए। मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि ध्यान रखें कि ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी न आए। साथ ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सप्लाई की मशीनें दुरुस्त रखी जाएं।
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि चीन, जापान, साउथ कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी होगा। यदि इन देशों के किसी भी यात्री में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या टेस्ट पॉजिटिव पाया जाता है तो इन लोगों को क्वारैंटाइन किया जाएगा।
डॉ गुलेरिया ने कहा- भारतीयों में BF.7 के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी, ट्रैवल बैन जरूरी नहीं
चीन में बढ़ते कोरोना वैरिएंट BF.7 के खतरे के बीच AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना की नई लहर आने का खतरा नहीं है क्योंकि यहां के लोगों में हाइब्रिड इम्युनिटी है। उन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल हालात ठीक हैं और यहां इंटरनेशनल ट्रैवल बैन करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभव बताते हैं कि इन्फेक्शन का संक्रमण रोकने में फ्लाइट्स को बैन किया जाना कारगर नहीं है।
देश में हॉस्पिटलाइजेशन के मामले सामने आने की संभावना भी कम
हाइब्रिड इम्युनिटी किसी व्यक्ति के प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीनेशन के मिलेजुले प्रभाव को कहते हैं। डॉ गुलेरिया के मुताबिक, कोरोना के गंभीर मामले सामने आने और अस्पताल में लोगों को भर्ती किए जाने की संभावना बहुत कम है क्योंकि भारत के लोगों में नेचुरल इन्फेक्शन और वैक्सीनेशन कवरेज अच्छा होने की वजह से हाइब्रिड इम्युनिटी है। उन्होंने कहा कि भारत में ओमिक्रॉन का BF.7 सब-वैरिएंट काफी समय पहले से हैं इसलिए इसका नया ब्रेकआउट होने की आशंका न के बराबर है।
कोरोना से जुड़े बड़े अपडेट्स...
हैदराबाद एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की रैंडम टेस्ट किया जा रहा है।
कटरा स्थित माता वैष्णो देवी में बिना मास्क पहने किसी भी श्रद्धालु को दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी।
आर्मी ने एडवाइजरी जारी कर जवानों को कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कहा।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में आज से सभी यात्री मास्क पहनेंगे। पढ़ें पूरी खबर...
पिछले 24 घंटों में 201 नए केस
देश में पिछले 24 घंटों में 201 नए कोरोना केस सामने आए हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारत में एक्टिव मामले 3,397 हैं, जो कुल मामलों का 0.01% है। रिकवरी रेट फिलहाल 98.8% है। पिछले 24 घंटों में 183 लोग ठीक हुए हैं, जिससे ठीक होने वालों की कुल संख्या 4,41,42,791 हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- 75% लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई
दूसरी तरफ, वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट आई है। इसमें बताया गया है कि देश में 75% लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है। अभी तक किसी भी राज्य में बूस्टर डोज का कवरेज 50% तक नहीं पहुंचा है। हालांकि, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में 40% से ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवा ली है।
केंद्र की 3 दिनों में 3 हाईलेवल मीटिंग
कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने तीन दिनों में तीन हाईलेवल मीटिंग कीं। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होंने T3 यानी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति अपनाने पर जोर दिया।
चीन में इस समय कोरोना के BF.7 सब-वैरिएंट से हर दिन 5 हजार मौतें हो रही हैं। यह वैरिएंट भारत में सितंबर में आ गया था। देश में इसके केवल 4 केस हैं। इनमें 3 गुजरात और 1 केस ओडिशा में है। बिना लक्षण के ये मरीज अब स्वस्थ हैं।
27 दिसंबर को अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी
मांडविया ने राज्यों से 27 दिसंबर को अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की मॉक ड्रिल करने के लिए कहा है। खासकर ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर को लेकर राज्यों को आगाह किया। गौरतलब है कि 2020-21 में इन दो चीजों की भारी कमी हुई थी। ऐसे में केंद्र सरकार इन व्यवस्थाओं को पुख्ता रखना चाहती है।।
ऐसी है देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति
सितंबर में भारत में कोरोना के रोजाना औसत 5 हजार से 7 हजार केस सामने आ रहे थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर रोजाना औसत 150 रह गई है। इनमें 78% नए मामले छह राज्यों (केरल में 51 केस, महाराष्ट्र में 20, कर्नाटक में 16, ओडिशा में 11, दिल्ली-राजस्थान में 10-10) में मिल रहे हैं। सक्रिय मरीज भी घटकर 3,380 रह गए हैं। ये कुल मरीजों के महज 0.01% हैं।
IMA ने कहा- लॉकडाउन की जरूरत नहीं
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टर अनिल गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारत में लॉकडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। IMA के मुताबिक, चीन की तुलना में भारत के लोगों की इम्यूनिटी ज्यादा स्ट्रॉन्ग है। भारत की 95% आबादी में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बनी है, ऐसे में देश में लॉकडाउन नहीं लगेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिव्यू मीटिंग की
गुरुवार को मीटिंग के दौरान PM मोदी ने मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की थी। इसके अलावा उन्होंने टेस्टिंग बढ़ाने और कोविड सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि त्योहार आ रहे हैं इसलिए लोग मास्क पहनें। मीटिंग खत्म होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी। 24 दिसंबर से इसे देशभर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू कर दिया जाएगा।
इंटरनेशनल ट्रेवलर्स के लिए गाइडलाइंस में ये बातें...
ब्रिटेन के प्रशासन ने लोगों से अपील की है वो क्रिस्मस की छुट्टियों में अपने घर के बुजुर्गों से न मिलें। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बुजुर्गों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। उन में संक्रमण फैल सकता है।
शंघाई के एक अस्पताल ने अनुमान लगाया है कि चीन में अगले हफ्ते के आखिर तक 2.5 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार चीन में अगले साल तक 10 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि उसे चीन से नए कोरोना मरीजों का कोई डेटा नहीं मिला है। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, चीन सरकार कोरोना केसेस की गिनती नहीं कर पा रही है।
दुनिया में भी केस बढ़ रहे हैं। US में संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंचा। जापान में 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है।
सभी ट्रेवलर्स पूरी तरह वैक्सीनेडेट होने चाहिए। फ्लाइट्स में और एंट्री प्वाइंट्स पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें। जैसे-मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
पैसेंजर में कोविड के लक्षण पाए जाने पर उसे स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट किया जाएगा। फ्लाइट से उतरने के बाद भी उसे आइसोलेट किया जाएगा और ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
फ्लाइट से उतरते समय फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एंट्री फ्वाइंट पर सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
स्क्रीनिंग में किसी पैसेंजर में लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेट कर इलाज के लिए भेजा जाएगा। इंटरनेशल फ्लाइट्स के 2%पैसेंजर्स की रैंडम सैंपलिंग की जाएगी।
इन पैसेंजर्स का सिलेक्शन एयरलाइंस करेंगी, जो अलग-अलग देशों के होंगे। सैंपल देने के बाद ही ये एयरपोर्ट से जा सकेंगे।
यदि कोई सैंपल पॉजिटिव निकला तो उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब में भेजा जाएगा। ऐसे पैसेंजर्स का प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा और उन्हें आइसोलेट किया जाएगा।
यात्रा से लौटने पर सभी यात्री अपनी हेल्थ का ध्यान रखेंगे। यदि इनमें से किसी में लक्षण बाद में दिखाई देते हैं तो वह नजदीकी हेल्थ सेंटर्स पर इसकी जानकारी देंगे।
12 साल तक के बच्चों को रेंडम सैंपलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। हालांकि, यात्रा के दौरान या उसके बाद लक्षण मिलने पर उनका स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज किया जाएगा
जीनोम सीक्वेंसिंग पर फोकस
केंद्र ने राज्य सरकारों को कोरोना पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग करवाने के निर्देश दिए हैं। लगभग सभी राज्य सरकारों अब कोरोना पॉजिटिव केस के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज रही हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग से इस बात का पता लगाया जाएगा कि कोरोना के कितने नए वैरिएंट इस वक्त देश में मौजूद हैं