गुजरात विधानसभा में मतदान का वक्त नजदीक आते ही राजनीतिक दलों का धुआंधार प्रचार जारी है. हर दल अपनी-अपनी जीत के लिए जी तोड़ ताकत दिखाता नजर आ रहा है. फिर चाहे बीजेपी के ब्रैंड पीएम नरेंद्र मोदी हों या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल दोनों ही दिग्गज नेताओं ने प्रचार की कमान अपने हाथों में सभाल रखी है. हालांकि इस रेस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी कूद गए हैं, लेकिन अब तक उनका कोई जादू दिखाई नहीं दिया है. लेकिन वो भी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं. बात प्रत्याशियों की निकली है तो बता दें कि इस चुनाव में एक तरफ जहां करोड़पति उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी कैंडिडेट्स हैं, जिनकी कुल संपत्ति शून्य है, यही नहीं कुछ प्रत्याशियों पर तो करोड़ों रुपए की देनदारी है. 

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सुनकर शायद आप चौंक गए होंगे, लेकिन ये सच्चाई है. कई उम्मीदवार इस चुनाव में करोड़ रुपए के कर्ज से दबे हुए हैं. एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट पर नजर दौड़ाएं ऐसे उम्मीदवारों की भी कमी नहीं जो अच्छे खासे कर्ज में डूबे हुए हैं. ये कर्ज हजार या लाख में नहीं बल्कि करोड़ों में है. दल अपनी-अपनी जीत के लिए जी तोड़ ताकत दिखाता नजर आ रहा है. फिर चाहे बीजेपी के ब्रैंड पीएम नरेंद्र मोदी हों या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल दोनों ही दिग्गज नेताओं ने प्रचार की कमान अपने हाथों में सभाल रखी है. हालांकि इस रेस में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी कूद गए हैं, लेकिन अब तक उनका कोई जादू दिखाई नहीं दिया है. लेकिन वो भी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं. बात प्रत्याशियों की निकली है तो बता दें कि इस चुनाव में एक तरफ जहां करोड़पति उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी कैंडिडेट्स हैं, जिनकी कुल संपत्ति शून्य है, यही नहीं कुछ प्रत्याशियों पर तो करोड़ों रुपए की देनदारी है. 

सुनकर शायद आप चौंक गए होंगे, लेकिन ये सच्चाई है. कई उम्मीदवार इस चुनाव में करोड़ रुपए के कर्ज से दबे हुए हैं. एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट पर नजर दौड़ाएं ऐसे उम्मीदवारों की भी कमी नहीं जो अच्छे खासे कर्ज में डूबे हुए हैं. ये कर्ज हजार या लाख में नहीं बल्कि करोड़ों में है. 

भूपेंद्र के पास है शून्य संपत्ति

गुजरात के रण में जनता की सेवा की इच्छा रखने के मकसद से कई लोग चुनावी मैदान में हैं. इन उम्मीदवारों में एक जनाब ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति के ब्यौरे में शून्य भरा है. यानी इनके पास एक रुपए भी नहीं है. इन शख्स का नाम है भूपेंद्र भवनभाई पटोलिया. नाम पढ़कर आपको लग रहा होगा कहीं ये मुख्यमंत्री तो नहीं, लेकिन ऐसा नहीं है. ये एक निर्दलीय प्रत्याशी हैं जो राजकोट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ये एक इत्तेफाक है कि इनका नाम भी सीएम जैसा ही है. 

दो प्रत्याशियों की संपत्ति 5000 से कम

गुजरात चुनाव में करोड़पतियों के मुकाबले ऐसे भी कैंडिडेट्स हैं, जिनकी संपत्ति बहुत कम है. शून्य के अलावा अगर कम संपत्ति वालों पर नजर दौड़ाएं तो दो प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 5000 रुपए से भी कम है. इनमें एक हैं राकेशभाई सुरेशभाई गमित- ये बीएसपी के टिकट पर तापी से चुनाव लड़ रहे हैं और इनकी चल संपत्ति 1000 रुपए है, जबकि अचल संपत्ति जीरो है, यानी कुल संपत्ति 1 हजार रुपए मात्र है. जबकि एक अन्य प्रत्याशी हैं जयाबेन मेहुलभाई जो भावनगर से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. इनकी कुल संपत्ति 3000 रुपए है. 

वहीं 10 हजार रुपए से कम संपत्ति वाले एक और उम्मीदवार सूरत से चुनाव लड़ रहे हैं, इनका नाम है समीर फकरुद्दीन शेख, इन्होंने अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है उसके मुताबिक इनकी कुल संपत्ति 6500 रुपए है. 

मोटे कर्ज में डूबे हैं ये उम्मीदवारों 

गुजरात की जनता की सेवा का सपना देख रहे कई प्रत्याशी करोड़ों रुपए कर्ज में भी डूबे हुए हैं. ज्यादा देनदारी वाले उम्मीदवारों की बात करें तो इसमें सबसे आगे कांग्रेस की इंद्राणी राजगुरु हैं. इंद्राणी राजकोट से चुनाव लड़ रही हैं. इनकी कुल संपत्ति 162 करोड़ रुपए से ज्यादा है, हालांकि इनकी देनदारी भी कुछ कम नहीं है, एडीआर के मुताबिक इनके ऊपर 76 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है. 

वहीं कर्ज में डूबे एक अन्य प्रत्याशी भी कांग्रेस के ही हैं. इनका नाम है बच्चूभाई धर्मशी अरेथिया जो कच्छ से चुनाव लड़ रहे हैं. इनकी कुल संपत्ति 97 करोड़ रुपए से ज्यादा है जबकि इन पर कर्ज 30 करोड़ रुपए से ज्यादा का है.