देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में छाई धुंध की परत छंटने का नाम नहीं ले रही है. आज यानी गुरुवार को भी दिन निकलते ही दिल्ली में चारों ओर धुंआ मिले फॉग यानी स्मॉग की सफेद चादर नजर आई. चारों तरफ मानों जैसे धुआं ही धुआं दिखाई पड़ रहा था. वहीं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता गंभीर है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार दिल्ली में AQI 346 (बहुत खराब) श्रेणी में है.
हरियाणा-पंजाब की पराली हवा में घोल रही जहर
आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से वातावरण में स्मॉग की स्थिति बनी हुई है. इस जहरीली धुंध की मुख्य वजह पंजाब और हरियाणा में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली बताई जा रही है. हालांकि राज्य सरकारों की ओर से पराली जलाने के मामलों में कमी का दावा किया जा रहा है, लेकिन परिणाम ऊंट के मुंह में जीरा की कहानी बयां कर रहे हैं. यही वजह है कि सर्दियां आते ही दिल्लीवासियों को भयंकर प्रदूषण का डर सताने लगता है. प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों के क्रम में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिवाली पर इस बार भी पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को बैन कर दिया था, लेकिन इसका भी कुछ ज्यादा असर नजर नहीं आया. इसके बाद दिल्ली सरकार 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' कैंपेन का फार्मूला लेकर आई है, लेकिर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उसको अपनी मंजूरी देने से इंकार कर दिया है.
'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' कैंपेन
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली सरकार को इस मुहिम से जुड़े आंकड़े पेश करने होंगे ताकि पता चल सके कि सरकार का यह कदम दिल्लीवासियाों के लिए कितना कारगर साबित हो सकता है. वहीं, आप सरकार ने इसको एलजी का विध्वंसकारी कदम बताया है. उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के लोगों की सांसों से खिलवाड़ कर रहे हैं.