केंद्र सरकार का सोशल मीडिया पर लगाम लगाने का एक्शन प्लान तैयार हो चुका है. देशभर में चुनाव का माहौल किसी के द्वारा बिगाड़ा न जा सके इसको लेकर सोशल मीडिया को हिदायत दी गई है. नए आईटी एक्ट में न सिर्फ फेक न्यूज़ पर लगाम कसने की तैयारी है बल्कि भड़काऊ कंटेंट फैलाने और इससे होने वाले नुकसान की भरपाई का भी प्लान है. जो सोशल मीडिया के ज़रिए ज़हर उगलने का काम कर रहे हैं वो अब सावधान हो जाएं. फेक न्यूज़ फैलाने, अश्लील, अपमानजनक, धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने, भड़काऊ भाषण को सार्वजनिक तरीके से सोशल मीडिया पर डालने या उसे शेयर करना अब आपके लिए भारी पड़ सकता है, इसके लिए नियम और सज़ा पहले भी थी लेकिन अब इन नियमों को और कड़ा कर दिया गया है.
नए आईटी नियमों के नोटिफिकेशन जारी होने के 90 दिन के अंदर शिकायत अपीलीय पैनल बनेगा जो ऐसे मामलों को देखेगा जहां आईटी नियमों का उलंघन किया गया हो। सेंसेटिव कंटेंट, वीडियो या फिर किसी को बिना आधार बदनाम करने की कोशिश या गलत सूचना सार्वजनिक करने पर 24 घंटे पर कार्यवाई सुनिश्चित करने की बात की गई है यानी 24 घंटे के अंदर एक्शन लेना होगा। किसी भी वायरल कंटेंट को अगर वो आपत्तिजनक है उसे हटाने और कार्यवाई के लिए 15 दिन का वक़्त दिया गया है। नए नियमों में भारत की एकता, अखंडता,रक्षा, सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना अब भारी पड़ सकता है इसमें कड़ी कार्यवाई के निर्देश भी दिए गए हैं इनमें संलिप्त व्यक्ति पर नए आईटी नियमों के तहत कार्यवाई की जाएगी जिसमें जुर्माना और जेल भी शामिल है।
कंपनियों को अपनी वेबसाइट, मोबाइल ऐप्लिकेशन या दोनों पर सर्विस नियमों और प्राइवेसी नीति से जुड़ी जानकारी को उपलब्ध करानी होगी. प्रस्तावित बदलावों में इंटरमीडियरी कंपनियों के लिए भारतीय संविधान द्वारा नागरिक अधिकारों का सम्मान करना भी जरूरी होगा. अश्लील, अपमानजनक, बाल यौन शोषण, दूसरे की निजता भंग करने वाली, जाति-वर्ण-जन्म के आधार पर उत्पीड़न करने वाली या मनी लॉन्ड्रिंग के लिए प्रेरित करने वाली, अथवा देश के किसी भी कानून का उल्लंघन करने वाली हो ऐसे कंटेंट और यूट्यूब वीडियो या किसी भी सोशल मीडिया के ज़रिए आपत्तिजनक कंटेंट परोसने पर कड़ी कार्यवाई के निर्देश दिए गए हैं।