पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारों को लेकर नई अपडेट मिल रही है. कुछ समय बाद पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारें पूरी तरह से बैन हो जाएंगी. हालांकि ऐसा होने में अभी साल 2035 तक का समय लगेगा. साल 2035 के बाद पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारों पर नया फैसला लागू होगा. दरअसल यूरोपीय संघ से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. जिसके बाद साफ हो गया है कि पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारों को सड़कों पर नहीं देखा जाएगा. 

हालांकि इस पहले यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा इस प्रतिबंध के पक्ष में मतदान की खबरें आई थीं. लंबे समय से मामला चर्चा में था. पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारों पर बैन की वजह जलवायु परिवर्तन है. 27 देशों के यूरोपीय संघ द्वारा यह बैन सीओटू के उत्सर्जन में कटौती करने को लेकर लगाया गया है. कार निर्माताओं को साल 2030 तक साल 2021 के मुकाबले 50 फीसदी तक सीओटू उत्सर्जन में कटौती करनी होगी. वहीं आगे चलकर साल 2035 तक यही कटौती 100 फीसदी की हो जाएगी. फैसले के बाद से 27 देशों में पेट्रोल- डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री पूरी तरह से बैन हो जाएगी. वहीं कार निर्माता कंपनी फॉग्सवेगन के हेड थॉमस शेफर ने भी इस हफ्ते एक नया ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि कंपनी साल 2033 से यूरोप में केवल ईवी की ही बिक्री करेगा.

इसी के साथ माना जा रहा है भविष्य में इस फैसले की वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा. यही नहीं शून्य सीओटू उत्सर्जन से कार ग्राहकों को भी राहत मिलेगी. नई कारें किफायती हो जाएंगी. संघ की जलवायु नीति के प्रमुख फ्रैंस टिमरमैन ने भी कहा है कि इस समझौते ने इंडस्ट्री और कंज्यूमर को एक बड़ा संकेत भेजा है.