राजधानी में तापमान गिरने के साथ प्रदूषण का स्तर पर बढ़ता जा रहा है. यहां पर एक दिन पहले यानि रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Delhi AQI) 266 दर्ज किया गया. यह स्तर बेहद खराब श्रेणी में आता है. ऐसा कहा जा रहा है कि अगले तीन दिन तक ऐसे ही हालात रहने वाले हैं. दिल्ली में ठंड के साथ वातावरण में स्माग ने भी दस्तक दे दी है. दिवाली से एक दिन पहले ही सुबह से धुंध दिखाई देने लगी. यहां पर विजिबलिटी कम होने के कारण सड़कों पर वाहनों की लाइटें जलती हुई दिखाई दीं.
राजधानी में तापमान गिरने के साथ प्रदूषण का स्तर पर बढ़ता जा रहा है. यहां पर एक दिन पहले यानि रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Delhi AQI) 266 दर्ज किया गया. यह स्तर बेहद खराब श्रेणी में आता है. ऐसा कहा जा रहा है कि अगले तीन दिन तक ऐसे ही हालात रहने वाले हैं. दिल्ली में ठंड के साथ वातावरण में स्माग ने भी दस्तक दे दी है. दिवाली से एक दिन पहले ही सुबह से धुंध दिखाई देने लगी. यहां पर विजिबलिटी कम होने के कारण सड़कों पर वाहनों की लाइटें जलती हुई दिखाई दीं.
आबोहवा खराब हो रही
एक अनुमान के अनुसार दिवाली की रात पटाखों और लगातार जलाई जा रही पराली के कारण धुएं से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा. पड़ोसी राज्य पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में पराली जलाने से दिल्ली की आबोहवा खराब हो रही है. 26 अक्टूबर के बाद से हवा में सुधार होने की उम्मीद बताई जा रही है.
राजधानी में न्यूनतम तापमान लुढ़का
राजधानी दिल्ली में सुबह का तापमान 20 डिग्री के करीब बना हुआ है, नमी बेहद ज्यादा है,जबकि हवा की गति तकरीबन 6 किलोमीटर प्रति घंटा है. उसके साथ दिल्ली के वाहनों के प्रदूषण, पंजाब हरियाणा में जलाई जा रही पराली और पटाखे के प्रदूषण को जोड़ दीजिए, तो पूरा एनसीआर गैस चेंबर में तब्दील होता हुआ नजर आ रहा है.
यही वजह है कि दिल्ली में विजिबिलिटी 1 किलोमीटर के करीब है ,जबकि कर्तव्य पथ पर 1 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित राष्ट्रपति भवन धुंधला नजर आ रहा है, जबकि डेढ़ किलोमीटर दूर इंडिया गेट पूरी तरीके से गायब हो चुका है. मौसम विभाग की मानें तो जब तक हवा में तेजी या हल्की बारिश नहीं होती, तब तक दिल्ली एनसीआर वासियों को प्रदूषण के गैस चेंबर से राहत मिलती हुई नजर नहीं आएगी.