राजधानी दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों में अब डराना शुरू कर दिया है। हालात के मद्देनजर दिल्ली सरकार अब अलर्ट मोड में आ गई है और राजधानी के सभी अस्पतालों से 10-15 फीसदी बेड डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है।

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों की कम संख्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अस्पतालों से डेंगू के रोगियों को भर्ती करने के लिए खाली बेड्स का उपयोग करने के लिए कहा है। सिसोदिया ने कहा कि डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी के बीच दिल्ली के अस्पतालों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बेड्स की कमी के चलते किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं किया जाए

बयान में कहा गया है कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और स्थिति पर नजर रख रही है। अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने बेड का 10-15 प्रतिशत मच्छर जनित रोग के मरीजों के लिए आरक्षित करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मरीज बेड की कमी के कारण प्रवेश वंचित न रहे।

सिसोदिया ने कहा कि वर्तमान मौसम की स्थिति वेक्टर जनित बीमारियों के संचरण के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अस्पतालों में मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं

बता दें कि, दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़ रही है और अक्टूबर महीने के पहले पांच दिन में 300 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। इस साल पांच अक्टूबर तक दर्ज कुल 1,258 मामलों में से 693 मामले सिर्फ सितंबर में दर्ज किए गए थे।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस साल सितंबर के अंत तक डेंगू के 937 मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद अक्टूबर के पहले पांच दिन में 321 नए मामले सामने आए। इसके साथ ही नगर में वेक्टर जनित बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़कर 1,258 हो ग

एक जनवरी से पांच अक्टूबर की अवधि के दौरान दर्ज मामलों की यह संख्या 2017 के बाद से सबसे अधिक है। 2017 में यह संख्या 2,564 थी। 2015 में, दिल्ली में बड़े पैमाने पर डेंगू का प्रकोप देखा गया था और अक्टूबर में मामलों की संख्या 10,600 से अधिक हो गई थी। इस साल अब तक इस बीमारी से किसी की मौत होने की खबर नहीं है।ई।