छह जनगोष्ठी एक्य मंच का 26 सितंबर को 24 घंटों का असम बंद का आहवान
जनजातिकरण से वंचित होने के बाद क्षुब्ध छह जनगोष्ठी एक्य मंच ने धारावाहिक आन्दोलन की आज मोरान में घोषणा कि जिसमें आगामी 26 सितंबर को 24 घंटे के असम बंद की घोषणा भी शामिल है । छह जनगोष्ठिय एकता मंच ने समुदाय को जनजातीय दर्जा नहीं देने के विरोध कार्यक्रम की घोषणा की । केंद्र सरकार द्वारा छह जनगोष्ठियों को आदिवासी का दर्जा नहीं दिए जाने के बाद आज मोरान आयल इंडिया क्लब में मोरान में एक आपातकालीन कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की । बैठक में कई अहम फैसले लिए गए जिनमें 22 सितंबर को दिसपुर में विधानसभा घेराव कार्यक्रम, 26 सितंबर को 24 घंटे के असम बंद का ऐलान किया गया, 9 अक्टूबर को पूरे असम में आर्थिक नाकेबंदी कार्यक्रम, 15 अक्टूबर को उत्तरी असम के लखीमपुर, धेमाजी सहित गोगामुख में एक विशाल सार्वजनिक सभा का आयोजन, 15 नवंबर को दिल्ली में छह समुदायों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस सप्ताह को लगातार बिरोध प्रदर्शन सप्ताह मनाने का निर्णय शामिल हैं । मंच के नेताओं ने कहा कि जबकि देश में बारह समुदायों को आदिवासी का दर्जा दिया गया है, वहीं हम छह जनगोष्ठीयों को वंचित रखा गया लेहाजा गुरुवार से राज्य भर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं । असम में छह जातीय समूहों – ताई अहोम, मोरान, माटक, सुतिया, कोच राजबंषियों और आदिवासियों को जनजातिकरण का दर्जा नहीं दिया गया है। छह जनगोष्ठिय एकता मंच की आपात कार्यकारिणी की बैठक आज मोरान में आयोजित की गई। बैठक में आटासू अध्यक्ष लितुल बुढ़ागोहांई, कार्यकारी अध्यक्ष बसंत गोगोई, मोरान छात्र संस्था के अध्यक्ष नबा मोरान, सचिव देबकांत मोरान, मटक युवा छात्र सम्मेलन के अध्यक्ष रंजीत गोहांई, सचिव स्वरूप गोहांई, सुतिया युवा सम्मेलन के सचिव निपेन खनीकर, ऑल कोचराजबंसी छात्र संघ के सचिव हेमंत बोरा, आटसा के अध्यक्ष धीराज ग्वाला के साथ ही छह जनगोष्ठीयों के पदाधिकारी एवं सदस्य उक्त कार्यकारिणी की आपात बैठक में उपस्थित थे । सभा के अंत में मोरान पुलिस पोईन्ट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर जबरदस्त नारेबाजी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डा. हिमंत विश्व शर्मा का पुतला फुंका ।