आयुष मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में श्री श्री तत्व के एनएओक्यू19 को कोविड-19 के हल्के से मध्यम संक्रमण के लिए एड-ऑन थेरेपी के रूप में आगे बढ़ाने की अनुमति दी है। एनएओक्यू19 को ये अनुमति एम्स जोधपुर, जीआईएमएस नोएडा और एम्स ऋषिकेश जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में गहन क्लिनिकल परीक्षण की विस्तृत समीक्षा के बाद मिली है।
इस सफलता पर उत्साहित दिव्या श्री कांचीभोटला, कार्यकारी निदेशक, श्री श्री इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड रिसर्च ने कहा कि “भारत में कई संस्थानों द्वारा किए गए डबल ब्लाइंड रैंडमाइज्ड नियंत्रित परीक्षणों में 550 से अधिक मरीज थे। एनएओक्यू19 को कोविड19 के खिलाफ सकारात्मक तौर पर प्रभावकारिता के लिए देखभाल के मानक के साथ परीक्षण किया गया था और इसके परिणाम काफी उत्साहजनक रहे हैं।
अध्ययनों में पाया गया किः
ऽ तेज़ रिकवरी- एनएओक्यू19 के साथ इलाज करने पर हल्के से मध्यम रोगियों में आरटी-पीसीआर द्वारा मापी गई तेज़ और मध्यम रिकवरी देखी गई।
ऽ लक्षणों का 100 प्रतिशत समाधान- जिन भी मरीजों की बांह में एनएओक्यू19 लगाया गया, उनमें से 100 प्रतिशत मरीज अनुमानित अवधि में पूरी तरह से ठीक हो गए और वे कंट्रोल आर्म की तुलना में बेहतर रहे।
ऽ अस्पताल में रहने की कम अवधि- अस्पताल में भर्ती मरीजों को केवल देखभाल उपचार के मानक की तुलना में एनएओक्यू19 के साथ इलाज के साथ पहले छुट्टी दे दी गई।
ऽ कोई साइड इफेक्ट नहीं - क्लिनिकल ट्रायल के दौरान मरीजों पर इसका कोई भी दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) नहीं देखा गया।
ऽ 100 प्रतिशत वायरल उन्मूलन- एसएआरएस-सीओवी-2 संक्रमित वेरो ई6 सेल लाइनों पर किए गए एक इन-विट्रो स्टडी में, एनएओक्यू19 के साथ इलाज के साथ, .9एमजी/एमएल पर, पूर्ण तौर पर वायरल का खात्मा दर्ज किया गया था।
ऽ 78.2 प्रतिशत वायरल लोड में कमी- इन-विवो स्टडी में, एनएओक्यू19 ने फेफड़ों में 78.2 प्रतिशत कम वायरल लोड दिखाया।
श्री श्री तत्त्व ने श्री श्री इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड रिसर्च (एसएसआईएआर) के सहयोग से हल्के से मध्यम कोविड-19 संक्रमण के इलाज में देखभाल के मानक के साथ-साथ एनएओक्यू19 की प्रभाव के स्तर को लेकर परीक्षण किया। पहला प्रीक्लिनिकल स्टडीज (इन विट्रो और इन विवो स्टडीज) फाउंडेशन ऑफ नेगलेक्टेड डिजीज एंड रिसर्च (एफएनडीआर), बेंगलुरु में आयोजित किया गया था। उत्साहजनक परिणामों ने देश के कुछ सबसे प्रसिद्ध संस्थानों के साथ बड़े पैमाने पर अधिक क्लिनिक टेस्टों को प्रेरित किया। आयुष मंत्रालय की इंटरडिसिप्लनरी टेक्नीकल रिव्यू कमेटी (आईटीआरसी) को तब कोविड-19 रोगियों पर दवा परीक्षणों की समीक्षा और अनुमति के निष्कर्षों के साथ प्रस्तुत किया गया था।
श्री श्री तत्त्व के चीफ साइंस ऑफिसर, डॉ. एम. रवि कुमार रेड्डी ने कहा कि “एनएओक्यू19 को सभी उपलब्ध सामग्री से संबंधित तथ्यों की गहन समीक्षा के बाद तैयार किया गया है। सुरक्षा और प्रभावकारिता की पुष्टि के लिए कई प्रीक्लिनिकल विश्लेषण किए गए हैं। आप देखेंगे कि फॉर्मूलेशन गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए फार्माकोपियल मानकों को हर स्तर पर पूरा किया गया है। हम प्राथमिक परिणामों और परीक्षणों के सैकेंडरी परिणामों से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
उपर्युक्त संस्थानों के साथ-साथ डॉक्टर्स फॉर यू, हासन, श्री मनाकुला विनयगर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पांडिचेरी, अथर्व मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, लखनऊ और श्री श्री यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल, कटक में कुछ और भी क्लिनिकल परीक्षण किए गए हैं।
श्री श्री तत्व कई दशकों से आयुर्वेदिक दवाओं के अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में लगे हुए हैं। महामारी के बाद से, श्री श्री तत्त्व के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कोविड-19 संक्रमण पर हर्बल फॉर्मूलेशन की प्रभावकारिता पर शोध कार्य शुरू किया। इससे एनएओक्यू19 का विकास हुआ जो एक पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन है। यह 13 शक्तिशाली जड़ी बूटियों और उनके अर्क का एक शक्तिशाली मिश्रण है जो प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) का समर्थन, मजबूती और बढ़ावा देता है। यह सर्दी और खांसी, श्वसन संबंधी विकार, सूजन और बुखार जैसी स्थितियों में मदद करने के लिए भी उपयोगी और प्रभावी पाया गया है।
श्री श्री तत्व उत्पादों का निर्माण अत्याधुनिक डब्ल्यूएचओ जीएमपी प्रमाणित सुविधा में किया जाता है, जिन्हें उनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित किया गया है।
इस अवसर पर श्री अरविंद वर्चस्वी, प्रबंध निदेशक, श्री श्री तत्त्व ने कहा कि “यह सुनिश्चित करने के लिए कि उत्पादों की वैज्ञानिक सोच के साथ जांच की जाती है और समाज को सर्वाेत्तम समाधान दिया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि क्लिनिक परीक्षण मल्टी-डिसप्लनरी एकेडमिया के साथ किए जाते हैं। श्री श्री तत्व में हम सुरक्षित और प्रभावी हर्बल दवाओं को विकसित करने और विकसित करने के लिए उन्नत विज्ञान और अनुसंधान को नियोजित करते हैं जो लोगों के जीवन में बदलाव लाते हैं और उनकी भलाई में योगदान करते हैं। मानवता की भलाई के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए क्लिनिक परीक्षण टीमों पर मुझे बहुत गर्व है। एनएओक्यू19 इस तरह की प्रतिबद्धता से पैदा हुआ है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे विश्व स्तर पर लाखों लोगों को लाभ होगा।”
इस अवसर पर उपस्थित सम्मानित अतिथियों में डॉ. पंकज भारद्वाज, डीन ऑफ रिसर्च, एडीशनल प्रोफेसर ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड फैमिली मेडिसिन, एम्स, जोधपुर, डॉ अभिषेक अरुण, क्लिनिकल रिसर्च हेड, डायबेटोलॉजिस्ट एंड एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, अथर्वा मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, डॉ. रोहिणी वधावन, प्रोग्राम मैनेजर, डॉक्टर्स फॉर यू, डॉ. रजत जैन, प्रेसिडेंट, डॉक्टर्स फॉर यू, डॉ प्रदीप कुमार पांडा, डीन, श्री श्री कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च, श्री श्री यूनिवर्सिटी, डॉ दुर्गा प्रसाद दास, प्रोफेसर, श्री श्री कॉलेज ऑफ आयुर्वेदिक साइंस एंड रिसर्च, श्री श्री यूनिवर्सिटी, डॉ फाहरी सैटियोग्लू प्रोफेसर यूनिवर्सिटी ऑफ ओस्लो (ऑनलाइन) भी प्रमुख तौर पर शामिल है।