श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में मंगलवार दोपहर बाद वादी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर जिला जज के न्यायालय में सुनवाई हुई। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के हाजिर न होने पर न्यायालय ने दोबारा नोटिस भेजने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई के लिए 03 अक्टूबर की तिथि तय की गई है। वादी ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी हाईकोर्ट के आदेश की प्रति अदालत में दाखिल करते हुए पहले शाही मस्जिद ईदगाह का सर्वे कराया जाए। इसके बाद पोषणीयता पर बहस हो। ये वाद तो पूरी तरह चलने लायक है।

गौरतलब हो कि दिसंबर 2020 में महेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र माहेश्वरी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में वाद दायर कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की थी। उन्होंने ईदगाह का सर्वे कराने के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की भी मांग की। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी की मांग पर न्यायालय ने पहले वाद की पोषणीयता पर सुनवाई का आदेश दिया। इसके विरुद्ध वादी ने जिला जज के न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की। मंगलवार को इस मामले में जिला जज की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान वादी ने वाराणसी की ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले को सुनवाई योग्य होने के वाराणसी न्यायालय के आदेश की प्रति भी दाखिल करते हुए कहा कि ये वाद पूरी तरह सुने जाने योग्य है। इसलिए इसकी पोषणीयता पर ज्ञानवापी की तरह सुनवाई बाद में हो, पहले शाही मस्जिद ईदगाह का सर्वे कराया जाए। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के आज हाजिर न होने के कारण न्यायालय ने उन्हें दोबारा नोटिस देने के निर्देश दिए।