गोलाघाट जिले में विशेष पोलियो प्रतिरोधक अभियान 18 से
5 साल से कम आयु के एक लाख बच्चों को पोलियो की खुराक प्रदान किए जाने का लक्ष्य
गोलाघाट जिले में 18 सितम्बर से शुरु किया जायेगा पोलियो प्रतिरोधक खुराक प्रदान किए जाने का विशेष अभियान।आज जिला उपायुक्त कार्यालय के सभागार में अतिरिक्त जिला उपायुक्त (स्वास्थ्य) पल्लवी गोगोई की अध्यक्षता में आयोजित जिला टास्क फोर्स की एक बैठक में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ ज्योति देउरी ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन की सहायता उपरोक्त आभियान की जानकारी दी। उन्होंने इस विशेष अभियान की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि दुनिया की कुछ स्थानों में पोलियो ग्रस्त रोगियों की पुनः पहचान की गई है। जिसे ध्यान में रखकर केन्द्रीय सरकार ने गोलाघाट समेत असम के 19 जिलों में 18 सितम्बर से उप राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान (Sub National Immunization Day) रुपायित किए जाने के निर्देश दिए हैं। तदानुसार समाज कल्याण, शिक्षा, शक्ति, रेल, परिवहन और विभिन्न विभागों के सहयोग से गोलाघाट जिले के भी प्रत्येक स्वास्थ्य खंड के अधीन पोलियो प्रतिरोधक खुराक प्रदान किए जाने का आभियान चलाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त अभियान के तहत जिले के एक लाख से भी अधिक शून्य से पांच साल की आयु वाले बच्चों को पोलियो प्रतिरोधक खुराक का सेवन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत में वर्ष 2011 की जनवरी महीने से तथा असम में वर्ष 2008 के जून महीने के बाद एक भी शिशु पोलियो ग्रस्त पाए जाने की जानकारी नही मिली है। भारत को पूरी तरह से एक पोलियो मुक्त देश के बनाए जाने के लिए एक भी शिशु पोलियो की खुराक लेने से वंचित न रह सके। इसके लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।इस अभियान के दौरान घरों में जाकर और स्कूलों तथा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों में शिशुओं को पोलियो प्रतिरोधक खुराक का सेवन कराये जाने की जानकारी दी। उक्त बैठक के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए इससे जुड़े प्रत्येक विभाग को सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने अभिभावकों से निसंकोच होकर अपने बच्चों को पोलियो की खुराक सेवन कराने का आह्वान किया। उक्त बैठक में शामिल जिला स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त संचालक डॉ अरुण चंद्र महंत ने कहा कि गोलाघाट जिले को पोलियो मुक्त बनाने के लिए निरीक्षण तथा सिनाख्तकरण पर अधिक महत्व देने की बात कही। उन्होंने इस अभियान के दौरान एक भी शिशु न छूट पाए। यह सुनिश्चित किए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कर्मियों, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों को आह्वान किया। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मी, चिकित्सक नर्स उपस्थित रहे।