पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम को सूचीबद्ध करने से पहले कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की मीटिंग में शर्मा ने सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि उन्हें शिकायतें मिली हैं कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के लिए न तो कोई वर्चुअल और न ही कोई फिजिकल मीटिंग आयोजित की गई।
जी-23 असंतुष्ट नेताओं में शामिल शर्मा ने यह भी बताया कि किसी भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को उन प्रतिनिधियों की कोई सूची नहीं मिली है जो कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान करेंगे और इस तरह की प्रक्रिया चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता का उल्लंघन करती है।वयोवृद्ध नेता ने एक सप्ताह पहले हिमाचल प्रदेश के लिए पार्टी की संचालन समिति की अध्यक्षता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि लगातार बहिष्कार और अपमान के बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
सूत्रों ने कहा कि शर्मा ने चुनाव के लिए मतदान करने वाले प्रतिनिधियों की चुनावी सूची को सार्वजनिक करने का भी आह्वान किया, जिस पर मिस्त्री ने कहा कि यह चुनाव लड़ने के इच्छुक किसी भी उम्मीदवार के साथ-साथ पंजाब प्रदेश प्रमुख कमेटी को भी उपलब्ध कराया जाएगा।मिस्त्री ने कहा कि 9,000 से अधिक जनप्रतिनिधि हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान करेंगे और सभी सूचियों को जनसंपर्क अधिकारियों और सहायक जनसंपर्क अधिकारियों द्वारा सत्यापित और हस्ताक्षरित किया गया है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक शुक्रवार को पार्टी के दिग्गज नेता रहे गुलाम नबी आजाद के तीखे पत्र से हुई उथल-पुथल के बीच हुई। पत्र में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया था।आजाद और शर्मा 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन के सभी स्तरों पर चुनाव सहित बड़े पैमाने पर सुधार की मांग की थी। सीडब्ल्यूसी मीटिंग की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने वर्चुअल तरीके से की क्योंकि वह चिकित्सा जांच के लिए विदेश में हैं।