1900 सन तक मानव बस्ती गाँव के रूप में विकसित फिर समय के साथ मानव बस्ती के उजड़ जाने के पश्चात असम का स्वाभिमान का प्रतिक एक सींग वाला गेंडा और रॉयल बंगाल बाघ का बिचरन स्थली के रूप में पुरे विश्व में बिख्यात और पर्यटकों के आकर्षण का अन्यतम केंद्र ओरांग राष्ट्रीय उद्यान का अब तक 78.82 किलोमीटर कुल क्षेत्रफल था लेकिन असम सरकार के परिवेश एव वन बिभाग के 25 अगस्त को प्रकाशित एक अधिसूचना के साथ साथ ओरांग राष्ट्रीय उद्यान इव बाघ्य प्रकल्प का कुल क्षेत्रफल बढ़ कर 299.14 वर्ग किलोमीटर हो गया अध्यादेश के अनुसार दूसरी बार के लिए ओरांग राष्ट्रीय उद्यान इव बाघ्य प्रकल्प में शोणितपुर जिला के ढेकियाजुली और ठेलामारा राजस्व चक्र और दरंग ज़िले के दलगाँव राजस्व चक्र क्षेत्र में कुल 200.32 वर्ग किलो मीटर क्षेत्र का संयोजन किया गया है इस अधिसूचना के अनुसार ओरांग राष्ट्रीय उद्यान इव बाघ्य प्रकल्प का पूर्व में सीमा शोणितपुर जिला के सिंगरी के इतिहास प्रसिद्ध गुप्तेश्वर मंदिर के पास तक , पश्चिम में दरंग ज़िले के श्यामपुर पुलिस थाना के नजदीक तक , दक्षिण में मोरीगाँव और नगाँव जिला के सीमा तक साथ ही उतर दिशा में वर्तमान सीमा के साथ ही ढेकियाजुली और ठेलामारा राजस्व चक्र क्षेत्र के कुछ अंश को समावेश किया गया है सरकार के इस अधिसूचना का प्रकृति प्रेमी लोगो ने स्वागत करते हुए सरकार का आभार ब्यक्त किया है