कॉरपोरेट सेक्टर (Corporate Sector) में कर्मचारियों को दिये जाने वाली सैलेरी ( Salary) में अलाउंस ( Allowance) का हिस्सा कुल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा अब नहीं होगा. इस मुद्दे को लेकर सरकार और इंडस्ट्री के लोगों के बीच सोमवार 22 अगस्त, 2022 को हुई बैठक में सहमति बन गई है. अब तय किया गया है कि कर्मचारियों के वेतन में अलाउंस का हिस्सा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा. हालांकि इसे लेकर एक पेंच बाकी है. 24-25 अगस्त को श्रम मंत्रालय राज्यों के साथ बैठक करने वाला है. माना जा रहा है कि सरकार एक साथ सभी राज्यों में नये लेबर कोड को लागू किए जाने के पक्ष में है.
हालांकि इंडस्ट्री के साथ सहमति बनने के बाद ये साफ हो गया है कि एम्पलॉय का बेसिक सैलेरी ( Basic Salary) कुल वेतन का 50 फीसदी होगा. इस फैसले के लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन का स्ट्रक्चर पूरी तरह बदल जाएगा. बेसिक वेतन के कुल वेतन का 50 फीसदी होने के बाद कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ ( EPF) के योगदान के लिए ज्यादा पैसे कटेंगे. कंपनियों को भी अपनी ओर कर्मचारियों के पीएफ ( Provident Fund) मद में ज्यादा योगदान करना पड़ेगा. हालांकि इसके साथ ही कर्मचारियों के टेकहोम सैलेरी में कमी आ जाएगी.
बहरहाल केंद्र सरकार नए लेबर कोड ( New Labour Code) को जल्द से जल्द लागू करना चाहती है. माना जा रहा है कि अक्टूबर महीने से नए लेबर कोड को लागू किया जा सकता है. श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस बात के संकेत दिए हैं. उन्हें कहा कि नए लेबर कोड के माध्यम से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही कर्मचारियों का कौशल विकास होगा. आपको बता दें अब तक 23 राज्यों ने लेबर कोड के नियम बना दिए हैं. संसद में तो कानून पास हो चुका है लेकिन सभी राज्यों को भी इसपर मुहर लगानी है. सभी राज्यों के मुहर लगाने के बाद नया लेबर कोड देश में लागू किया जा सकता है.