दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच कभी सहमति किसी बात पर बनती दिखाई नहीं दी। चाहे दिल्ली के मौजूदा एलजी वीके सक्सेना हो या इनके पहले के नजीब जंग, किसी के साथ दिल्ली के सीएम की नहीं बनी।अब एक बार फिर केजरीवाल बनाम राज्यपाल की लड़ाई दिल्लीवासियों को देखने को मिल रही है। दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार (23 अगस्त) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा और उनसे सीएमओ की तरफ से उनके ऑफिस को भेजे गए प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करने की अपील किया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ने सीएम को लिखे पत्र में कहा, केजरीवाल का ऑफिस अधिकारियों की तरफ से दस्तखत के प्रस्तावों को टिप्पणियों के साथ भेज रहा है कि उन्हें सीएम ने 'देखा और अनुमोदित' किया गया है। एलजी कार्यालय ने केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा, आपके कार्यालय ने मेरी मंजूरी के लिए इस टिप्पणी के साथ प्रस्ताव पेश किए हैं कि सीएम ने प्रस्ताव को देखा और मंजूरी दे दी है। एलजी के कार्यालय ने कहा, सुचारू और प्रभावी शासन के लिए सीएम को प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
सिंगापुर दौरे को लेकर भी दोनों में गई थी ठन
बता दें कि पिछले महीने दिल्ली के सीएम केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच सिंगापुर दौरे को लेकर ठन गई थी। जहां केजरीवाल को एलजी वीके सक्सेना सिंगापुर जाने की अनुमति वाली फाइल पर साइन नहीं कर रहे थे। वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल सिंगापुर जाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। यहां तक की केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था। पीएम को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि पिछले एक महीने से अधिक वक्त से मंजूरी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन एलजी ने फाइल लौटा दी। जिसकी वजह से केजरीवाल सिंगापुर में होने वाले वर्ल्ड सिटीज समिट में भाग लेने के लिए नहीं जा पाये थे।
सिसोदिया पर कार्रवाई, बीजेपी-आप में चल रही 'जंग'
दरअसल, दिल्ली में शराब नीति को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में सियासी जंग चल रही है। बीजेपी जहां इसे शराब घोटाला होने का दावा कर रही है। वहीं, आप इसे केंद्र सरकार की साजिश करार बता रही है। वहीं, इस बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम के ताजा दावे ने दोनों के बीच सियासी लड़ाई को और कड़वा कर दिया है। मनीष सिसोदिया के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार (22 अगस्त) को कहा था कि इसका मतलब है कि सीबीआई और ईडी के छापे उनकी सरकार को गिराने की कोशिश थी, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में ऑपरेशन कमल फेल साबित हुआ।