दिल्ली में शराब नीति (Excise Policy) को लेकर देशभर में सियासत गरम है.मनीष सिसोदिया नई आबकारी नीति के जरिए घोटाला करने का आरोपों का सामाना कर हैं. वहीं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) का कहना है कि इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.आम आदमी पार्टी का कहना है कि नई नीति में कोई खामी नहीं थी और नियम-कानूनों को कोई उल्लंघन नहीं हुआ. वहीं, बीजेपी लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है. बीजेपी का कहना है कि अगर नई शराब नीति ठीक थी तो इसे वापस क्यों लिया गया. इन सबके बीच मनीष सिसोदिया पर लगे आरोपों को लेकर सी-वोटर ने एक त्वरित सर्वे (C-Voter Survey) किया है.
सी-वोटर के इस सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि मनीष सिसोदिया पर लगे आरोपों में दम है? इसपर 51 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया. वहीं 49 फीसदी लोगों ने माना है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर लगे आरोपों में कोई दम नहीं है.बता दें कि शराब नीति को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर पर सीबीआई (CBI) की टीम ने 19 अगस्त को छापेमारी की थी. सीबीआई ने इस मामले में सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
छापेमारी के बाद सोमवार को मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दावा किया कि बीजेपी ने उन्हें संदेश भेजा है और पार्टी में मिल जाने के लिए कहा है. सिसोदिया ने कहा, ''मेरे पास बीजेपी का संदेश आया है- "आप" तोड़कर भाजपा में आ जाओ, सारे CBI ED के केस बंद करवा देंगे. मेरा बीजेपी को जवाब- मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूँ, राजपूत हूं, सर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियो-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकुंगा नहीं. मेरे ख़िलाफ़ सारे केस झूठे हैं. जो करना है कर लो.''