सोमवार को लैब टेक्नीशियन संवर्ग ने राज्य सरकार के हब एंड स्पोक मॉडल जिसमे सरकार के जांचो का निजीकरण करने को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन दिया अखिल राजस्थान लेबोरेट्री टेक्नीशियन कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री जितेंद्र सिंह चौधरी के आव्हान पर प्रदेश भर में सरकार का जांचो के निजीकरण के ख़िलाफ़ ध्यान आकर्षण को लेकर ज्ञापन दिए गए है
संघ के ओमसिंह खिंची ने कहा कि सरकार का ये निजीकरण का फ़ैसला जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है और जाँचो की गुणवत्ता में त्रुटिया होगी । साथ ही साथ लैब टेक्निशियन कर रहे हज़ारो छात्र और छात्राओं के भविष्य अंधकार में चला जाएगा और भविष्य में कभी कोई छात्र और छात्रायें लैब टेक्नीशियन के कोर्स को नहीं करेंगे और जिन कंपनियों को ये टेंडर दिया गया है उसमे टेक्नीशियन की तनख्वाह 326/- प्रतिदिन जो की दिहाड़ी मजदूर से भी कम है जिससे ना वो अपना और ना अपने बच्चों के भविष्य को सँवार सकते है इसलिए सरकार इस फैसले को वापस ले और जनता और लैब टेक्नीशियन कर रहे और कर चुके हज़ारो बच्चों के भविष्य को अंधकार में जाने से बचाए. समस्त जिलों से जांचों को हब एवं स्पोक मॉडल द्वारा निजी हाथों में सौंपने और संबर्ग की विसंगतियों पर डेढ़ साल से की जा रही अनदेखी से आकर्षित लैब टेक्निशियनों ने प्रदेश भर से जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन सौंपे हैं
संघ के जिला अध्यक्ष टीकमाराम चौधरी एवं जिला संयोजक प्रेम सिंह निमो॔ही, चिकित्सालय अध्यक्ष - ओमसिंह खिंची ने बताया है कि प्रदेश के लैब टेक्नीशियनो सरकार की निशुल्क जांच योजना को विश्व स्तरीय ख्याति प्राप्त कराई एवं प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण जांच उपलब्ध कराई हैं और करा रहे हैं इस निःशुल्क जांच योजना के मॉडल को देखने हेतु देश और विदेश के लोग राजस्थान पहुंचे थे लेकिन आज जांचों को निजी हाथों में सौंपने से संवग॔ का भविष्य खत्म हो रहा है जिन जांचों को निजी हाथों में सौपा गया है उनके लिए सरकार के पास पूरी मशीन से लेकर हर संसाधन वर्तमान में मौजूद हैं ये सारी जांचे सरकारी क्षेत्र में प्रदेश भर में हो भी रही हैं PHC, CHC से अगर कोई सुपर स्पेशलिटी जांच करानी है तो उसके केवल जिला स्तर तक की ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था करनी है जिसके लिए जांचों को निजी हाथों में सौंपा गया है, जबकि यह स्पष्ट है कि हब एंड स्पोक मॉडल दूसरे राज्यों में पूरी तरह से फेल हो चुका है, निःशुल्क जांच योजना पूरी तरह सफल है |
बेरोजगार अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि हब एंड स्पोक मॉडल से हमें पूरी जिंदगी ठेका प्रथा में डालने की व्यवस्था की जा रही है भविष्य में जो कार्मिक सेवा में वृद्ध होंगे केवल उन्हीं पदों पर नियुक्ति होगी जो कि ऊंट के मुँह में जीरे के समान हैं पड़ोसी राज्यों में इस मॉडल से ऐसा ही हो रहा है
प्रेमसिंह निमो॔ही ने बताया कि विभाग ने पदोन्नति जैसी प्रक्रियाएं तक नहीं हो रही 2022 के डेफर कार्मिकों का 9 माह से पदस्थापन तक अटका पड़ा है, विभाग स्वयं FD, DOP, RPSC, RSSB, LAW सभी जगह से अनुमोदित पदनाम परिवर्तन का गजट नोटिफिकेशन नहीं होने दे रहा, यह पत्रावली 1 साल से विभाग स्वयं रोक कर बैठा है | दूसरे राज्यों में कम योग्यता के बावजूद लैब टेक्नीशियन को ग्रेड पे 4200 मिल रही है, वहीं राजस्थान में जहां दूसरे राज्य के मरीजों का भार भी प्रदेश के लैब टेक्निशियन के ऊपर है, ग्रेड पे को नहीं बढ़ाया जा रहा, 17 साल पूर्व 2008 का स्टाफिंग पैटर्न लागू है आज पदों में एक भी पद की वृद्धि नहीं की जा रही प्रदेश भर के लैब टेक्नीशियन विभाग एवं सरकार के इस रवैया से आक्रोशित और असहाय नजर आ रहे हैं, आज जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री चिकित्सा मंत्री को ज्ञापन सोपा है,10 दिनों में कार्रवाई नहीं होती है तो जिला अध्यक्ष टीकमाराम चौधरी ने कहा कि समय रहते सरकार ने माँग नहीं मानी तो आगे आंदोलन को उग्र किया जाएगा
इस मौके पर संयोजक प्रेम सिंह निर्मोही, नगर अध्यक्ष ओमसिंह खिची, जिला अध्यक्ष टीकमाराम चौधरी, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मूढ़, संविदा निविदा उपाध्यक्ष रूपा राम कड़वासरा, विधार्थी संवर्ग कार्यकर्ता दिलीप राजपुरोहित, चैन सिंह सिसोदिया, मदन लैब टेक्निशियन कैलाश सोनी, चंदन, पवन, हनुमान सेजू, जसवंत पेशवा, करण सिंह, मनोज शर्मा, प्रकाश, रूपा सारण, राधा चौधरी, तनुश्री जागिड़, प्रकाश पाबडा, रमेश जाखड़, धम॔वीरसिंह बालोतरा आदि कई लैब टेक्निशियन और विधार्थी मौजूद रहे