निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा विधालयो मे डमी एडमिशन को लेकर जारी किये गये निर्देशो का प्राइवेंट स्कूल एसोसिएशन ने स्वागत किया इसको लेकर गुरूवार दोपहर एसोएिसशन डमी एडमिशन को लेकर पत्रकारो से रूबरू हुई। 

बूंदी जिलाध्यक्ष हरीश तिवारी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा डमी एडमिशनो को लेकर जारी किये गये स्वागत योग्य है पर डमी एडमिशन को लेकर दिये गये निर्देशो मे विरोधाभास है हम इसको लेकर नाराजगी प्रकट करते है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उक्त आदेश मे सिर्फ निजी विधालयो को टारगेट कर दिया जबकि डमी एडमिशन सरकारी विधालय भी करते है उनके लिये न तो कोई निर्देश जारी किये गये और न ही इसको लेकर स्थिती स्पष्ठ की गई। प्रतिनिधीयो ने कहा कि सरकार सिर्फ निजी विधालयो पर कार्यवाही करती है डमी एडमिशन करने मे सबसे बडा हाथ सरकारी विधालयो का है। एसोसिएशन सदस्यो ने कहा कि डमी एडमिशन को लेकर जारी किये गये निर्देशो की निजी विधालय पूरी तरत से पालना करेगे पर विभाग को निष्पक्षता रखनी होगा और जो भी निजी या सरकारी विधालय डमी एडमिशन करे उस पर विभाग कार्यवाही करे। 

छ माह से नही हुई माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश की पालना

प्रदेश उपाध्यक्ष हरिओम शर्मा व गुरूमित सिंह ने कहा कि गत 13 जनवरी 2025 को माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियो को डमी एडमिशन पर रोक लगाने व केन्द्र सरकार के निर्देशो की पालना करने के निर्देश दिये। जिसके पांच दिन बाद जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने निजी गैर सरकारी विधालयो से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र की पालना करवाने के लिये समस्त ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियो निर्देश देकर इतिश्री करली। परन्तु जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक द्वारा छ माह मे भी शिक्षा निदेशक के द्वारा दिये गये निर्देशो की पालना नही हुई और न ही डमी एडमिशनो को ब्लाॅक शिक्षा अधिकारियो ने तथ्यात्मक रिपोर्ट विभाग को भेजी। बस सब मिलकर निजी विधालयो को दोषी ठहराने मे जुटे हुये है। 

सरकारी विधालयो की तर्ज पर मिले सुविधाएं

एसोसिएशन सदस्य जावेद अहमद, दिनेश गोस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार जो सुविधाएं सरकारी विधालयो को प्रदान करती है उन सुविधाओ के हकदार निजी विधालय भी है क्योकि बेहतर शिक्षा के बाद आशानुरू परीक्षा परिणाम देकर बच्चे के भविष्य को निखारने का काम निजी विधालय भी बेहतर ढंग से करते है। उन्होने कहा कि सरकार को निजी विधालय के साथ दोहरी नीति अपना रही है। निजी विधालयो मे भी छात्रवृति, स्कूटी योजना, लेपटाॅप वितरण जैसी योजनाएं शुरू होनी चाहिए। वही सरकारी विधालयो मे प्रतिभावान छात्र छात्रओ को दिये जाने वाले पुरूस्कार निजी विधालयो के प्रतिभावान छात्र छात्रओ को भी दिये जाये। वही आरटीई की राशि का समय पर पुनर्भरण हो। 

नई कोचिंग गाईडलाईन की हो पालना

एसोसिएशन सदस्य सुमित नुवाल, आशीष जाजू ने कहा कि भारत सरकार द्वारा हाल की मे जारी की गई कोंचिंग संस्थानो के लिये नई गाइडलाइन की पालना नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कोचिंग संस्थान शिक्षा विभाग के सरंक्षण मे मनमर्जी कर रहे है। राज्य सरकार को कोचिंगो के लिये बनाई गई नई गाइड लाइन की पालना करवाने के लिये कार्ययोजना बनाकर जिलो मे अधिकारियो से माॅनिटरिंग करवानी चाहिए। वही स्कूल समय मे कोचिंग संस्थान नही चले इसकी भी सुनिश्चिता होनी चाहिए। 

अभिभावक मान्यता देखकर ही दिलवाये प्रवेश

प्रदेश महासचिव लोकेश सुखवाल ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चे को प्रवेश दिलाते समय भावुक हो जाते है। यह बच्चो के भविष्य का सवाल है। अभिभावको को विधालय की मान्यता, उसमे चलने वाले संकायो व माध्यम की पूरी जानकारी लेकर ही अपने बच्चे की एडमिशन करवाना चाहिए और किसी प्रलोभन मे नही आना चाहिए।