बालोतरा, 10 जून। बालोतरा जिले के असाड़ा गांव में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत मंगलवार को ग्रामीणों ने नई नाड़ी में उत्साहपूर्वक श्रमदान किया। प्रशासन की इस अनूठी पहल का उद्देश्य जल संरक्षण और पारंपरिक जल स्रोतों के पुनरुद्धार को बढ़ावा देना है, जो वर्तमान में जल संकट के दौर में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सुबह से ही गांव के महिला-पुरुष और युवा जल ही जीवन हैं के संदेश के साथ नई नाड़ी पर एकत्रित होने लगे। उन्होंने मिलकर नाड़ी से गाद निकालने, किनारों को साफ करने और जल प्रवाह को सुगम बनाने का कार्य किया। ग्रामीणों का यह सामूहिक प्रयास न केवल जल संरक्षण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाता है, बल्कि सामुदायिक सहभागिता का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी भुवनेश्वर सिंह चौहान ने बताया कि वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का लक्ष्य केवल किसी एक तालाब या नाड़ी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जिले के समस्त स्थानीय जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करना है। मॉनसून के दौरान वर्षा जल के संग्रहण में असाड़ा की यह नई नाड़ी एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में उभरेगी।
उन्होने कहा कि यह हमारी पुरानी नाड़ी है, जो कभी हमारे पशुओं और कृषि के लिए जीवनदायिनी थी। गाद जमा होने से इसकी क्षमता कम हो गई थी। इस अभियान के तहत हम इसे फिर से जीवंत कर रहे हैं, ताकि बारिश का पानी इसमें इकट्ठा हो सके और भूमिगत जलस्तर भी बढ़े। उन्होने कहा कि इस प्रकार के जन अभियानों से ही जल संकट का मुकाबला किया जा सकता है।
असाड़ा के ग्रामीणों द्वारा किया गया यह श्रमदान जल ही जीवन है को चरितार्थ करता है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। यह अभियान न केवल जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि ग्रामीणों के बीच एकता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को भी मजबूत कर रहा है।
इस अवसर पर विकास अधिकारी हीराराम कलबी, सहायक अभियंता समेत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने श्रमदान कर जल संरक्षण एवं जल स्त्रोतों की स्वचछता का संदेश दिया। इस दौरान असाडा ग्राम पंचायत में वृक्षारोपण कर आमजन को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।