बाड़मेर। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर हो रहे कार्यों की समीक्षा के लिए बाड़मेर का दौरा किया। 
राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के आलोक में राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग राजस्थान के सभी जिलों में बाल संरक्षण की स्थिति की समीक्षा करने की उद्देश्य से नियमित रूप से दौरे किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जयपुर, जोधपुर, दौसा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, राजसमंद, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर, पाली, नागौर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जालौर, सिरोही, डूंगरपुर, उदयपुर एवं चुरू का दौरा किया है। इसी क्रम में बाड़मेर प्रवास के दौरान न्यायाधिपति गर्ग ने बाड़मेर जिले में बाल अधिकारिता विभाग की ओर से संचालित राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह, शिशु गृह, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से अनुदानित एवं सोसायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनॉमी बाड़मेर के माध्यम से संचालित श्री सत्य साईं अंध एवं मूक बधिर विद्यालय मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह का निरीक्षण किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान न्यायाधिपति ने गृह में आवासित बालको से संवाद करते हुए उनको उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओ के बारे में उनसे जानकारी प्राप्त की। उन्होंने गृह में उनके शैक्षणिक, शारीरिक, मानसिक समेत सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे कार्याे की समीक्षा करते हुए उपलब्ध कराई जा रही समस्त सुविधाओ की सराहना की। उन्होंने बच्चों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीवन मे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
बाल गृहों के निरीक्षण के पश्चात न्यायाधिपति गर्ग ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिले में विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं बाल कल्याण से जुड़े विभागों की बैठक ली। इस दौरान न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग ने पुलिस की ओर से दर्ज किए गए कई प्रकरणों जिनमें एफआईआर के बाद चालान पेश नहीं किया गया है, उन मामलों की जांच पूरी कर शीघ्र चालान पेश करने के निर्देश दिए। किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष लम्बित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। राजकीय संप्रेक्षण गृह एवं सुरक्षित अभिरक्षा में निवासरत किशोरों के लिए पर्याप्त आवास, सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बाल पीड़ित प्रतिकर के आवेदनों के शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। बैठक में न्यायाधिपति गर्ग का जिला कलक्टर टीना डाबी ने स्वागत किया। जिला पुलिस अधीक्षक नरेंद्र मीणा ने स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट के कार्यों का विवरण रखा। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति बाल सचिवालय के वरिष्ठ सलाहकार राकेश कुमार चौधरी ने राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति की ओर से किए जा रहे कार्यों का विवरण एवं बैठक की रूपरेखा रखी। यूनिसेफ से बाल संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. संजय कुमार निराला ने बाल संरक्षण के क्षेत्र में जिला प्रशासन की भूमिका रखी। बैठक का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सिद्धार्थ दीप ने किया। बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक पुखराज सहारण ने धन्यवाद ज्ञापित किया बैठक में जिला एवं सेशन न्यायाधीश बालोतरा, एम.आर. सुथार, प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड मनीषा चौधरी, यूनिसेफ राजस्थान से आशुतोष श्रीवास्तव, अजीत जोशी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक सुरेन्द्र प्रतापसिंह उपस्थित रहे।