ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने गुरुवार को बारां जिले के मोतीपुरा गांव स्थित छबड़ा सुपर तापीय विद्युत परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजना की सुपर क्रिटिकल यूनिट्स का अवलोकन किया एवं अधिकारियों के साथ बैठक कर विद्युत उत्पादन और प्रबंधन की समीक्षा की।

श्री नागर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी के मौसम में बढ़ती विद्युत मांग को देखते हुए सभी इकाइयों से अधिकतम क्षमता में निर्विघ्न विद्युत उत्पादन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, तकनीकी कारणों से बंद पड़ी इकाइयों को शीघ्र प्रारंभ करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

इस मौके पर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक देवेन्द्र श्रृंगी, सुपर क्रिटिकल के मुख्य अभियंता संजय सनाड्य तथा छबड़ा थर्मल के मुख्य अभियंता विरेन्द्र कुमार भी उपस्थित रहे।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में राज्य के कोल ब्लॉक से कोयले की नियमित आपूर्ति की जा रही है, जिससे कोयला आधारित विद्युत परियोजनाओं के पास 20 से 25 दिनों की खपत का भंडारण मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा से सर्वाधिक विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।

हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 1000 मेगावाट क्षमता वाले बैटरी स्टोरेज प्लांट्स की स्थापना प्रक्रियाधीन है, जिससे दिन में उत्पादित सौर ऊर्जा को संग्रहित कर रात में उपयोग किया जा सकेगा। ऊर्जा आपूर्ति को और अधिक सुचारु बनाने हेतु राज्य में लगभग 150 ग्रिड सब-स्टेशनों का निर्माण भी प्रगति पर है।

श्री नागर ने यह भी बताया कि राज्य में उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है। केंद्र सरकार की "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" के साथ जोड़कर अब बजट घोषणा के अनुरूप उपभोक्ताओं को जल्द ही सोलर संयंत्र के माध्यम से प्रतिमाह 150 यूनिट तक निशुल्क बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने इसके साथ ही छबड़ा में सहायक अभियंता (ओ एंड एम) कार्यालय एवं 33 केवी जीएसएस का भी निरीक्षण किया। इस दौरान वहां विभिन्न अव्यवस्थाओं को लेकर सुधार करने की हिदायत दी और संबंधित कार्मिकों को चार्जशीट देने के निर्देश अधीक्षण अभियंता को दिए।