कोचिंग संस्थान, हॉस्टल , पीजी, फ्लैट , अपार्टमेंट और बहु मंजिला इमारतों में रह रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अग्नि दुर्घटना से बचने और दूसरों को भी बचाने के लिए संकल्प दिलाया गया। मौका था अग्निशमन सेवा सुरक्षा सप्ताह के तहत शुक्रवार को पांचवें दिन निजी कोचिंग संस्थान में आयोजित लाइव फायर डेमोंस्ट्रेशन का। जहां नगर निगम कोटा दक्षिण की अग्निशमन विभाग की टीम ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास निर्देशन में आग से बचाव का डेमो दिया।
व्यास ने बताया कि कोटा दक्षिण नगर निगम आयुक्त अनुराग भार्गव निर्देश पर 14 से 20 अप्रैल तक अग्निशमन सेवा सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा हैं। इसी के तहत झालावाड़ रोड़ पर सिटी मॉल के सामने एलेन कोचिंग संस्थान के साकार कैंपस में कोचिंग स्टूडेंट्स और स्टाफ को अग्नि दुर्घटना से बचाव के तरीकों को समझाया। स्टूडेंट्स को फायर उपकरणों के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही लाइव डेमो देकर आग बुझाने के तरीकों को समझाया।
लाइव डेमो में बताया कि फायर टीम अग्निकांड होने पर आग पर तुरंत कैसे काबू पाती हैं और इस दौरान क्या सावधानियां बरतती हैं। फायर टीम ने डमी झोपड़ी जलाकर आग बुझाने के बारे में बताया गया। छात्र छात्राओं ने फायर उपकरणों चलाकर आग बुझाने से सम्बंधित जानकारियों को बारीकी से समझाया। आपातकालीन स्थिति में घायल और अचेत लोगों को सुरक्षित स्थान तक ले जाने और घायल को सीपीआर देकर कैसे जान बचाई जाए इसका डेमो दिया। आग लगने की स्थिति में ततपरता और सूझबूझ से आग को काबू में करने का सभी को लाइव डेमो देकर प्रशिक्षण दिया। टीम में शामिल सहायक अग्निशमन अधिकारी हरिनारायण शर्मा, श्रीनाथ पुरम अग्निशमन केंद्र प्रभारी अशोक मेहता, रानपुर अग्निशमन केंद्र प्रभारी अंशुमान हाड़ा, फायरमैन राजीव पांडेय ने प्रजेंटेशन दिया। इस दौरान कोचिंग संस्थान की फैकल्टी और स्टाफ भी मौजूद रहा।
आग लगे तो पैनिक ना हो।
सीएफओ राकेश व्यास ने बताया कि अक्सर देखा गया हैं कि अग्निकांड होने पर स्टाफ और स्टूडेंट्स दोनों ही घबरा जाते हैं। सभी को डेमो के दौरान समझाया कि आग लगने के दौरान घबराएं नहीं और तत्परता दिखाते हुए आग से बचें और कोई आग के बीच फंसा हो तो उसे बचाएं। इसके साथ ही टोल फ्री अग्निशमन विभाग के आपातकालीन नंबर 101 पर कॉल करें।
मुख्य अग्नि शमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि कोटा दक्षिण निगम के आयुक्त अनुराग भार्गव के निर्देश पर यह अग्नि शमन सेवा सुरक्षा सप्ताह चलाया जा रहा हैं। 1944 में मुंबई में हुए एक भीषण अग्निकांड के दौरान शहीद हुए 67 अग्निशमन कर्मचारियों और अधिकारियों की शहादत को याद करने व आमजन को अग्नि दुर्घटना से सजग करने के लिए अग्निशमन सेवा सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है।