आईओसी की सलाया-मथुरा पाइपलाइन की सुरक्षा को लेकर 'मॉक फायर ड्रिल के जरिए परखी जिम्मेदारों की मुस्तैदी

- इंडियन ऑयल पश्चिमी क्षेत्र पाइपलाइन, आबूरोड की ओर से पिण्डवाड़ा तहसील के वाड़ा गांव में हुआ 'मॉकड्रिल का आयोजन

- आईओसी अधिकारियों ने 'सजग प्रहरी प्रोत्साहन योजना के सिलसिले में बताया कि पाइपलाइन सुरक्षा से सम्बंधित सूचना देने वालों को दिया जाता है उचित पुरस्कार 

आबूरोड (सिरोही)। इंडियन ऑयल पश्चिमी क्षेत्र पाइपलाइन, आबूरोड की ओर से पिण्डवाड़ा तहसील के वाड़ा गांव से होकर गुजरती आईओसी की सलाया (गुजरात)-मथुरा (यूपी) पाइपलाइन (चैनेज 190.00 किलोमीटर) पर गुुरुवार को मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। आपातकालीन ऑफ साइट मॉकड्रिल का आयोजन इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (गेल इंडिया), हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन, गुजरात गैस, जीएसपीएल एवं जिला प्रशासन के सहयोग से संयुक्त रूप से किया गया। मॉकड्रिल के दौरान जिला प्रशासन से नायब तहसीलदार नैनाराम, पिण्डवाड़ा सीओ भवरलाल, माउंट आब सीओ गोमाराम, आबूरोड सदर थानाधिकारी दर्शनसिंह, रोहिड़ा थानाधिकारी सुश्री माया पंडित मय पुलिस टीम, वरिष्ठ फैक्ट्री इंस्पेक्टर-धीरज पंवार, डिप्टी जनरल मैनेजर महेश करोल, गेल इंडिया के जनरल मैनेजर अमरसिंह टैगोर के साथ पैट्रोलियम कंपनियों के अन्य उच्चाधिकारी, वाड़ा सरपंच, पिण्डवाड़ा पालिका, चिकित्सा विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े अधिकारियों व कारिंदों ने हिस्सा लिया। 

इस अभ्यास का उद्देश्य पाइपलाइन सुरक्षा से सम्बंधित आकस्मिक स्थिति में विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को परखना और आपातकालीन प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना था। पाइपलाइन, जो कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों को उच्च दबाव पर परिवहन करती है, किसी भी प्रकार की दुर्घटना या क्षति से मानवीय जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। 

मॉक ड्रिल के दौरान इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने फायर फाइटिंग उपकरणों का प्रदर्शन किया और बताया कि आग लगने की स्थिति में तुरंत किस प्रकार से इन उपकरणों का प्रयोग कर बचाव कार्य किया जा सकता है, ताकि जान-माल का नुकसान कम से कम हो सके। साथ में इस बात को लेकर भी जागरूक किया कि इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति में लोगों को अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, घबराने के बजाय शांत रहकर, दुर्घटना स्थल से दूर सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए और किसी भी तरह की अफवाहों से बचना चाहिए। किसी भी स्थिति में आग के पास जाने या उसे बुझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, अगर आप प्रशिक्षित नहीं हैं। 

इसके अलावा, इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने अवगत कराया कि इन पाइपलाइनों को नुकसान पहुंचाने या किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि जैसे अनाधिकृत खुदाई, चोरी या पाइपलाइनों को क्षति पहुंचाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसा करना न केवल मानवीय जीवन और संपत्ति के लिए भारी खतरा पैदा कर सकता है, बल्कि यह बड़े पैमाने पर तेल विस्फोट और रिसाव का कारण भी बन सकता है।

इंडियन ऑयल के अधिकारियों ने इस अवसर पर पीएंड एमपी अधिनियम-1962 के तहत पाइपलाइन सुरक्षा के सख्त प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाइपलाइन क्षेत्र (आरओडब्ल्यू) में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अवैध गतिविधि दंडनीय अपराध है, जिसके लिए 10 साल तक कारावास की सजा का प्रावधान है। 

ड्रिल के दौरान नागरिकों और स्थानीय अधिकारियों को पाइपलाइन सुरक्षा से सम्बंधित इंडियन ऑयल की तकनीकों और प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान टोल-फ्री नंबर 18001806545, 18002709060 और ईमेल आईडी एसएमपीएलआबूरोडएटदी रेटइंडियनऑयलडॉटइन साझा किए गए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रदान की जा सके। अधिकारियों ने 'सजग प्रहरी प्रोत्साहन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि पाइपलाइन सुरक्षा से सम्बंधित सूचना देने वालों को उचित पुरस्कार दिया जाता है और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाती है।

यह मॉक फायर ड्रिल न केवल आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयारियों को परखने में सफल रही, बल्कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और पैट्रोलियम कंपनियों के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करने का भी माध्यम बनी। ऐसे अभ्यास न केवल सुरक्षा उपायों को और अधिक प्रभावी बनाते हैं, बल्कि समाज में सुरक्षा और सतर्कता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं।

इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी पैट्रोलियम कम्पनियों में से एक है। यह अपने विशाल पाइपलाइन नेटवर्क के जरिए प्राकृतिक गैस, कच्चे तेल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित करती है। जिसकी नियमित परीक्षण, गश्त आदि के माध्यम से राउंड-दी-क्लॉक निगरानी की जाती हैं।

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