टीम जीवनदाता की प्रेरणा और उनके द्वारा तैयार किए गए सेवाभावी स्वयं सेवक दिन रात मेहनत कर रहे हैं, लोगों की सेवा कर रहे हैं और अपना दुख तकलीफ भूल लोगों को जीवन प्रदान कर रहे हैं। टीम जीवनदाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि निजी अस्पताल में भर्ती मरीज छविरानी राय की तबियत खराब होने पर उनका आॅपरेशन किया जाना था, उनका पुत्र चंदन परेशान हो रहा था, चंदन ने अपने मित्रों को बुलाया लेकिन किसी ना किसी कारण से वह एसडीपी नहीं कर सके। उसके बाद वहां यह कार्य देर रहे टेक्नीशियन रविन्द्र मालव ने कहा कि यह परेशान हो रहे हैं, डोनर्स एसडीपी करने के लिए नियमों के तहत नहीं आ पा रहे हैं, ऐसे में बुधवार का व्रत होने के बाद भी मोहन मालव ने 22वीं बार एसडीपी डोनेट की। वह इससे पूर्व 13 बार ब्लड डोनेशन कर चुके हैं। इस पूरे दृश्य को देख चंदन ने संकल्प किया कि वह आने वाले समय में लोगों के लिए रक्तदान करेगा और प्रेरित भी करेगा। उसकी मां के लिए जिस तरह से रविन्द्र ने एसडीपी की वह उन्हें सदा याद रहेगी।