जिले में टीबी के खिलाफ जंग और तेज हो गई है। जिले भर में 'टीबी मुक्त ग्राम पंचायत' अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 'हमारे गांव टीबी न पसारे पांव' थीम पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसे जड़ से खत्म करना है।
सीएमएचओ डॉ ओ पी सामर ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य इस साल के आखिर तक बूँदी जिले को टीबी मुक्त बनाना है। इसके लिए, स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के लक्षणों, जांच, उपचार और रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है। 'हमारे गांव टीबी न पसारे पांव' थीम पर रैली , और भाषणों के माध्यम से लोगों को टीबी के बारे में जानकारी दी जा रही है। ग्राम पंचायतों में रैलियां और प्रभात फेरियां निकाली जा रही हैं, जिनमें टीबी के खिलाफ नारे लगाए जा रहे हैं। गांवों में नियमित रूप से टीबी जांच शिविर आयोजित किए जा रहे हैं, जहां लोगों की मुफ्त जांच की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से टीबी रोगियों को मुफ्त दवाएं और पोषण सहायता प्रदान की जा रही है। विभाग निक्षय मित्रों के माध्यम से टीबी रोगियों को सहायता प्रदान कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आईईसी बूँदी के माध्यम से भी टीबी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्कूलों में बच्चों को टीबी के बारे में जानकारी दी जा रही है। टीबी अधिकारी डॉ.कुलदीप मीणा ने बताया कि अगर किसी को टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए। उन्होंने अपील की है कि वे इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और टीबी को जड़ से खत्म करने में मदद करें। अभियान का मुख्य उद्देश्य बूँदी जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।