राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान बाड़मेर नगर परिषद चर्चा का केंद्र रहा। बाड़मेर नगर परिषद के अधिकारियों से सरकार द्वारा जानकारी ली और राजस्थान सरकार के नगरी स्वायत्त शासन मंत्री झाबर लाल खर्रा ने सदन के समक्ष प्रस्तुत की। इससे पता चला कि फर्जी पट्टो के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है जिस पर कई अधिकारी और कर्मचारी जवाब देने से बच रहे हैं तो कई छुट्टियों पर चल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक नगर परिषद ने अनेक पट्टे जारी कर दिए जिनके रिकॉर्ड नगर परिषद के पास नहीं है।

दरअसल 16वीं विधानसभा के तृतीय सत्र के दौरान प्रक्रिया एवं कार्य संचालन संबंधित नियम 131 के तहत बाड़मेर विधायक डॉक्टर प्रियंका चौधरी ने बाड़मेर नगर परिषद के फर्जी पट्टों के संबंध में नगरीय स्वायत्त शासन मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। जिसके जवाब में कहा गया की भूमि शाखा के रिकॉर्ड के अनुसार बी सीरीज के 310 पट्टों पर बाड़मेर नगर परिषद के कार्मिक उचित जवाब देने में असमर्थ रहे।
 जांच दल की रिपोर्ट के बाद ही लिया जाएगा निर्णय- सदन में मंत्री खर्रा ने कहा कि पिछले महीने ही जांच बिठा दी गई है, जांच के दौरान भूमि शाखा के प्रभारी से बयान ले लिया गया तथा रिकॉर्ड शाखा के प्रभारी एवं रोकड़ शाखा के प्रभारी अभी तक उपस्थित न होने के कारण उनका बयान नहीं हो पाया है। जो भी कर्मचारी बयान देने से बच रहे हैं, उन्हें एक तय तिथि तक जोधपुर कार्यालय में बयान हेतु बाध्य किया जाता है। जांच के दौरान परिषद का विवादित रिकॉर्ड भी प्राप्त होने की संभावना है। 
बाड़मेर में 12196 पट्टो पर आपसी शिकायत प्राप्त हुई है, अभी जांच के बाद ही यह तय होगा कि बाड़मेर नगर परिषद में पट्टों की आड़ में ना जाने कितने लोग बर्बाद हुए हैं।