शराब नीति एवं अन्य मांगों को लेकर शराब ठेकेदार लगातार अपनी मांगों को उचित मंच पर उठा रहे हैं, ज्ञापन दे रहे हैं, धरना दे चुके और सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा चुके लेकिन उसके बाद भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही जिस कारण प्रदेश के शराब व्यवसाइयों को परेशानी का सामना करना पड रहा है, एक ओर उन्हें आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रशासन की व्यवस्थाओं का खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड रहा है, ऐसे में मांगे पूरी नहीं होने पर 4 फरवरी को प्रदेशव्यापी बंद का आव्हान किया गया है। आबकारी नीति वर्ष 2025-26 एवं 29 के खिलाफ अनुज्ञाधारियों की ओर से विरोध दर्ज कराया जा रहा है। कोटा वाइन कांट्रेक्टर एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष विनोद पारेता ने बताया कि इस सम्बंध में सोमवार को अतिरिक्त आबकारी आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में पुरानी सभी प्रकार की पेनेल्टियां समाप्त किए जाने, शराब की दुकानें खोलने का समय रात्रि 11 बजे तक किया जाने, गांरटी पूर्ति करने वाले ठेकेदारों की जब्त धरोहर राशियां तुरंत प्रभाव से लोटाए जाने, मंहगाई के अनुसार शराब ठेकेदारों का कमीशन कम से कम 20 प्रतिशत और बढ़ाया जाना चाहिए। जिलाध्यक्ष अजय सिंह राठौड ने बताया कि शराब ठेकों से पुलिस का हस्तक्षेप पुर्णत: समाप्त किया जाना चाहिए और प्रदेश में शराब की मात्रा बहुत अधिक हो गई है, सरकार मद्य संयम नीति की पालन करते हुए शराब की गारंटी 30 प्रतिशत तक कम कर दुकानें रिनिवल की जाने सम्बंधि मांगों को पर विचार करे। विनोद पारेता ने कहा कि आबकारी पॉलिसी में कुछ संशोधन किया जाना संगठन की प्रमुख मांगों में से है जिसमें कहा गया है कि नहीं पॉलिसी को लागू नहीं किया जाए किसी दुकान को रिनिवल नहीं होने पर क्लस्टर में लाने की बाध्यता को समाप्त किया जाए, ठेकेदार अपनी अपनी दुकानों की गारंटी ले सकता है उसके पड़ोसी ठेकेदार की दुकान की गारंटी नहीं ले सकता एवं कलस्टर को समाप्त किया जाए। दुकान 3 वर्ष से रेनवाल हो रही है उन दुकानों पर पहले वर्ष 10 प्रतिशत गारंटी नहीं बढ़ाई जाए ग्रामीण क्षेत्र में लाइसेंस की दुकानों से गोदाम 3 किलोमीटर दूर खोला जाए यह लिखित में नहीं पॉलिसी में भी आया है यदि नियम लागू रहे। इस अवसर पर अजय सिंह राठौड़, राम कल्याण नागर, संतोष अग्रवाल, विनोद जामदानी, योगेश चौबे, श्याम शर्मा, बलविंदर चावला, रविंद्र सिंह, लवेश सुवालका उपस्थित रहे।