टोंक.पुलिस थाना नगरफोर्ट क्षेत्र के समरावता गांव में 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एरिया मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी पर मतदान का बहिष्कार कर रहे ग्रामीण से जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाते हुए थप्पड मार देने के बाद रात्रि में हुए उपद्रव आगजनी तोड़-फोड़ की घटना से हुए नुकसान व बेगुनाह युवाओं की गिरफ्तारियां की ग्रामीणों की शिकायत की जांच करने के लिए मंगलवार को सुबह 10 बजे आयोग के सदस्य निरुपम चकमा अपनी टीम के साथ समरावता गांव पहुंचे और उन्होंने पूरे घटनास्थल का जायजा लिया व संबंधित लोगों से रूबरू हुए। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे उपद्रव आगजनी तोड़फोड़ के दौरान हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाले, आरोपी बनाए गए लोगों के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लेने व पूरे घटनाक्रम में शामिल अधिकारियों व पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने समेत पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश से करवाने की मांग की है।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य निरुपम चकमा ने अपनी टीम के साथ 13 नवंबर को मतदान केंद्र 183 पर मतदान करने वाली आशा सहयोगिनी चित्रा मीणा व उसके पति छोटू लाल मीणा, बूथ संख्या पर पार्टीयों के एजेंट विनोद पुत्र बाबूलाल, धारा सिंह पुत्र जगदीश लाल, भजनलाल पुत्र केशरा मीना व समरावता गांव में हुए उपद्रव, आगजनी तोड़फोड़ में आरोपी बनाए गए पिताराम पुत्र जमनालाल, टीकाराम पुत्र गंगाधर मीणा कमलेश पुत्र रामकुमार, राजेश पुत्र भंवरलाल, मनीष पुत्र राकेश, रवि पुत्र लादू राम व सलमान खान पुत्र छोटू तेली के भी बयान दर्ज किए।

उन्होंने समरावता गांव में हुए उपद्रव आगजनी तोड़फोड़ से घरों में हुए नुकसान का भी जायजा लिया तथा पीड़ित परिवारों से मिलकर उनसे वास्तविक स्थिति के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान वह अपनी टीम के साथ पूरे 2 घंटे 12 बजे तक गांव में रूके व ग्रामीणों से रूबरू हुए तथा पूरे समय की वीडियो ग्राफी करवाई। उन्होंने लोगों को आस्वस्थ किया वह पूरे घटनाक्रम की वास्तविक स्थिति की निष्पक्ष रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति आयोग को पेश करेंगे। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे उप चुनाव के दौरान हुए उपद्रव से हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाले, बेगुनाह ग्रामीण के खिलाफ बनाए गए मामलों को वापस लेने तथा पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि उपद्रव आगजनी तोड़फोड़ से उनके घरों में भारी नुकसान हुआ है अब भी गांव में भय व्याप्त है, महिला व छोटे बच्चे डरे हुए हैं। 

इससे पहले कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समरावता में सुबह से ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई तथा संबंधित जांच अधिकारी पुलिस उपधीक्षक उनियारा थाना अधिकारी नगरफोर्ट उपखंड अधिकारी देवली समेत अन्य अधिकारियों को मौका स्थल से दूर रखा गया था ताकि ग्रामीण बिना डरे अपनी बात आयोग को बता सके। इस दौरान राष्ट्रीय एससी एसटी आयोग के सदस्य निरुपम चकमा के साथ निदेशक HR मीणा बीसलपुर परियोजना देवली के अतिरिक्त कलेक्टर, विकास अधिकारी अलीगढ़ समेत कहीं प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। वह पूरे मामले की दो दिवसीय जांच के लिए टोंक जिले के दौरे पर आए हुए, सोमवार को उन्होंने जिला मुख्यालय पर अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ली है

 क्या है मामला 

राजस्थान सरकार ने 2021 में तहसील उनियारा के 9 व दुनी के 8 पटवार मंडलों को नगरफोर्ट में शामिल करते हुए नगरफोर्ट उप तहसील को क्रमोन्नत कर तहसील बना दिया था। लेकिन गत वर्ष उनियारा उपखंड में आने वाले नो पटवार मंडलों के गांवों को उपखंड देवली में जोड़ दिया गया, जिसका अधिक दुरी होने के कारण इन पटवार मंडलों के गांव के लोगों विरोध कर रहे।

 *मामले ने क्यों तुल पकड़ा*

 राजस्थान विधानसभा की रिक्त हुई सात सीटों के उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 15 अक्टूबर को आचार संहिता लगाने से एक दिन पहले 14 अक्टूबर को देवली उनियारा के उपचुनाव में लाभ लेने के इरादें से अधिसूचना जारी कर मोहम्मद गढ़ व गोठड़ा पटवार मंडल के 14 गांव को उपखंड उनियारा में मिला दिया, लेकिन कचरावता ग्राम पंचायत के समरावता गांव के लोगों की मांगों को नजर अंदाज कर दिया गया। जिससे नाराज समरावता गांव के ग्रामीणों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा के उपचुनाव के मतदान नहीं करने की घोषणा कर रखी थी और पुरा गांव गुरुवार को मतदान नहीं कर रहा था। जिनको समझाने के लिए जोनल मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी एसडीएम मालपुरा बूथ केंद्र पर पहुंचे और वहां पर ड्यूटी पर कार्यरत आशा सहयोगिनी चित्रा मीणा उसके पति छोटू लाल मीणा व अध्यापक ओम प्रकाश जांगिड़ से मत डलवा दिया। जिसकी सूचना होने पर नरेश मीना अपने समर्थको के साथ बूथ संख्या 183 राजकीय प्राथमिक विद्यालय समरावता गांव पहुंचे और चुनाव करवाने के लिए एरिया मजिस्ट्रेट अमित कुमार चौधरी के थप्पड़ मार दिया था इसके बाद रात्रि में भड़के उपद्रव आगजनी तोड़-फोड़ के बाद पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दागे गए आशु गैस के गोल व लाठी चार्ज और बाद में हुई गिरफ्तार के बाद समरावता का कांड पूरे देश में सुर्खियां में आ गया। इस मामले में कुल 63 गिरफ्तारी हुई थी।जिसमें नरेश मीणा को छोड़कर 62 आरोपियों की जमानत हो चुकी है।