भारतीय जनता पार्टी के कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया ने कहा है कि " गत विधानसभा में कुर्सी युद्ध में व्यस्त रही अशोक गहलोत सरकार ने, चुनाव के ठीक पहले आनन फानन में 19 नये जिले बनाये थे और 2 जिले समाप्त कर दिए थे, इसके बाद तीन जिले और बिना अधिसूचना के बनाये थे। इसके साथ ही तीन नए संभाग भी बनाये थे। कुल मिला कर चुनाव जितने के लिए यह वोट ठगी नए जिले बनाये गये थे। जबकि औचित्यपूर्णता रखने वाले कई जिलों की मांग को ही पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया गया था। 

उन्होंने कहा कि वोट ठगी के लिए बने जिलों को भाजपा की वर्तमान भजनलाल शर्मा सरकार नें पूरे विश्लेषण और औचित्य के साथ दुरुस्त किया है जो साहसिक एवं स्वागत योग्य कदम है।

सिसोदिया नें कहा की तब के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार रिपीट करने के लिए तमाम प्रलोभन दिए, इनमें से नए जिले व नए संभाग बनाना भी एक प्रलोभन था, किंतु राजस्थान की जनता ने और जहां नए जिले बनाए गए थे उन जिलों ने भी गहलोत के इस प्रलोभन को पूरी तरह अस्वीकार किया है। उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से उतार दिया और सरकार सहित सत्ता से विदा कर दिया है, इसी से स्पष्ट है कि राजस्थान का जनमानस नए जिलों की लॉलीपॉप में नहीं फंसा और वह नए जिलों के औचित्य को समझता है।

सिसोदिया नें कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार नें औचित्य के आधार पर इन 17 जिलों में से 8 को यथावत रखा है और 9 को निरस्त किया है, जो निर्णय की निष्पक्ष और न्याय प्रियता का घोतक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम भ्रम उत्पन्न करना, झूठ फैलाना और आराजकता की तरफ देश को ले जाना रहा है। जो संसद से लेकर सड़क तक महसूस किया जा रहा है। जिसे राजस्थान की जनता नकार चुकी है।