Nissan Honda Merger जापान की दो प्रमुख ऑटोमेकर कंपनी होंडा और निसान एक होने जा रही है। इन दोनों ने मर्जर की घोषणा की है और साथ ही दोनों कंपनियों ने समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। डील के मुताबिक दोनों कंपनियां अगस्त 2026 में लिस्टिंग के लिए एक सामान्य होल्डिंग कंपनी स्थापित करेगी। जिसके बाद यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमेकर कंपनी बन जाएगी।

जापानी कार कंपनियां निसान और होंडा ने मर्जर का एलान किया है। यह दोनों मिलकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार कंपनी बनने जा रही है। सोमवार को दोनों कंपनियों ने समझौता ज्ञापन (MOU) पर दस्तखत कर दिए। इन दोनों कंपनियों के साथ Mitsubishi Motors भी साथ आई है। इस विलय से कार इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव देखने के लिए मिल सकता है। आइए जानते हैं कि इस मर्जर से दुनिया और भारत में क्या असर देखने के लिए मिल सकता है।

पूरी प्रक्रिया 2026 तक होगी पूरी

निसान, होंडा और मित्सुबिशी मोटर्स के बीच कारोबारी मर्जर की समय-सीमा आज से शुरू हो गई है। इसमें कंपनी के तहत जून 2025 तक एकीकरण के संबंध में एक निश्चित समझौते को निष्पादित करने की योजना है। मर्जर की पूरी प्रक्रिया अगस्त 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। इस मर्जर के बाद यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटो निर्माता कंपनी बन जाएगी।

क्यों पड़ी मर्जर की जरूरत?

इलेक्ट्रिक सेगमेंट में चीन से सभी को पीछे छोड़ दिया है। नवंबर 2024 में दुनिया में जितनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री हुई, उनमें 70% चीन की थीं। वहीं, अक्टूबर 2024 में चीनी कंपनी BYD ने एलन मस्क की Tesla को कारों की बिक्री में पछाड़ दिया है। वहीं, ईवी की लागत को देखते हुए हाल ही में ऑडी ने अपने यूरोप वाले प्लांट को बंद करने जा रही है। वहीं, फॉक्सवैगन भी अपना कारोबार समेट रही है।

होंडा और निसान की क्या है हालत?

  • 2024 में होंडा की ग्लोबल कार बिक्री में 11.4% की गिरावट देखने के लिए मिली है। भारत में होंडा ने साल 1995 में एंट्री मारी थी तब से लेकर कंपनी की ग्रोथ बढ़ी थी, लेकिन साल 2023-24 में भारत में 86 हजार कारें बेचीं, जो साल-दर- साल आधार पर 5% कम है।