आगरा। पुलिस रस्सी का सांप बनाती है, यह एक कहावत है। पुराने लोन के एक मामले में एक नहीं चार-चार दारोगा ने रस्सी को सांप बनाया। बकाएदार की मौत के बाद मुकदमा लिखा, उसके बयान दर्ज किए और चार्जशीट भी दाखिल कर दी।बकाएदार के गारंटर को नौ साल बाद जेल भेज दिया। 19 दिन बाद जेल से छूटे गारंटर ने एसीपी से लेकर पुलिस आयुक्त तक से गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अब कोर्ट ने विवेचना करने वाले चारों दारोगा और फाइनेंस कंपनी मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
लालगढ़ी के प्रताप सिंह ने श्रीराम फाइनेंस कंपनी से एक सितंबर 2015 में कार खरीदने के लिए 1.40 लाख का लोन लिया था। मंगल सिंह राना गारंटर थे। 12 सितंबर को प्रताप सिंह की आकस्मिक मृत्यु हो गई, जिसके बाद लोन की किस्तें जमा नहीं हो पाईं। तीन साल बाद 25 दिसंबर 2018 को फाइनेंस कंपनी के मैनेजर नवीन गौतम ने हरीपर्वत थाने में प्रताप सिंह और मंगल सिंह के खिलाफ मारपीट, धमकी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवा दिया।