वैष्णो देवी ज्योति मंदिर दादाबाड़ी में माता के विग्रह के 42वें स्थापना दिवस पर बुधवार को माता की चौकी सजाई गई। इस दौरान धवल चांदनी से सजी सर्द रात में भजन सम्राट लखबीर सिंह लक्खा ने भजनों की ऐसी सरिता बहाई कि हर कोई उसमें बह निकला। कोटा नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन राजेश बिरला तथा महापौर राजीव भारती अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा ने भजनों से ऐसा समां बांधा कि रह रह कर लग रहे ज्योति मैया के जयकारों से सारा वातावरण गुंजायमान हो उठा। माता की चौकी की शुरुआत लक्खा ने "सदा भवानी दाहिनी सम्मुख रहत गणेश, पांच देव रक्षा करें, ब्रह्म विष्णु महेश.." से इष्ट के चरणों में शब्दांजलि अर्पित करके की। 

 "प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी.., भक्तों की लगी है कतार भवानी.." "सर को झुका लो, दर्शन पा लो, मां करती मेहरबानियां.." भजन के साथ लक्खा ने माहौल भक्तिमय कर दिया। 

"जागो शेरावाली, सबेरा हो गया.." "मेरी अखियों के सामने ही रहना.." "अब मेरी भी सुनो मात भवानी..", "मैया मैं निहाल हो गया.." और "मां शारदे ओ मैया.. हम तो हैं बालक मैया तेरे दरबार के.." भजन सुनाकर मातृभक्ति से सभी को ओतप्रोत कर दिया। लक्खा ने अपने सुपरहिट भजन "श्री राम जानकी बैठे है मेरे सीने में.." गाया तो हर कोई झूम उठा। उसके बाद "दुनिया चले ना श्रीराम के बिना, रामजी चले ना हनुमान के बिना..", "अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो.." "ओ सुन अंजनी के लाल, मुझे तेरा एक सहारा.." जैसे भजन गाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद तो एक से बढ़कर एक भजन सुनाकर उन्होंने ऐसा समा बांधा कि भक्तों का रेला झूमने को मजबूर हो गया। कार्यक्रम आयोजक सनमीत सिंह बंटी ने बताया कि भजन संध्या में दुर्गा माता की झांकी सजाई गई थी। जिसके सामने ज्योति प्रज्ज्वलित की गई। अखण्ड ज्योति के दर्शनों का तांता लगा रहा। यहां सजाई गई भगवान हनुमान, शिवजी, गणेश जी, साईं बाबा की अन्य झांकियों के भी दर्शनार्थियों के द्वारा दर्शन किए गए। स्थापना दिवस पर मंदिर की विशेष सज्जा के साथ ही प्रतिमा का भी विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान को छप्पन भोग सजाया गया। छोले, हलवे और लड्डू का प्रसाद भी वितरित किया गया।