आगे चलकर पेट्रोल डीजल से चलने वाली सेकेंड हैंड छोटी एवं इलेक्टि्रक कारों की कीमत के लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। पुरानी छोटी कार व पुरानी इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर जीएसटी की वर्तमान 12 प्रतिशत की दर को बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। चार मीटर से अधिक लंबाई वाली सेकेंड हैंड कार की बिक्री पर पहले से ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।

 पेट्रोल डीजल से चलने वाली सेकेंड हैंड छोटी एवं इलेक्टि्रक कारों की खरीदारी के लिए भविष्य में वर्तमान की तुलना में अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। क्योंकि जीएसटी दरों से जुड़ी फिटमेंट कमेटी ने सेकेंड हैंड छोटी व इलेक्टि्रक कारों की बिक्री पर जीएसटी की दर बढ़ाने की सिफारिश की है। आगामी 21 दिसंबर को राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस सिफारिश पर फैसला किया जा सकता है।

छोटी कार व पुरानी इलेक्टि्रक कार

सूत्रों के मुताबिक फिटमेंट कमेटी ने पुरानी छोटी कार व पुरानी इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर जीएसटी की वर्तमान 12 प्रतिशत की दर को बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की है। सेकेंड हैंड कार के सप्लायर के मार्जिन पर जीएसटी वसूला जाता है। जीएसटी दर अधिक होने पर सप्लायर सेकेंड हैंड छोटी कार की कीमत बढ़ा देगा। चार मीटर से अधिक लंबाई वाली सेकेंड हैंड कार की बिक्री पर पहले से ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है।\

इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर असर

फिटमेंट कमेटी की सिफारिश पर अमल करने से इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर असर पड़ सकता है। सेकेंड हैंड इलेक्टि्रक कार की खरीदारी को लेकर ग्राहक पहले से ही उदासीन है और अगर इसकी कीमत बढ़ जाती है तो बिक्री और प्रभावित हो जाएगी। पुरानी इलेक्टि्रक कार को बेचने में होने वाली परेशानी की वजह से भी इलेक्टि्रक कार की खरीदारी के प्रति लोगों में अभी आकर्षण कम है। नई इलेक्टि्रक कार की बिक्री पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है।