प्रदेश में पार्टी की सरकार होने के बाद भी भाजपा सदस्यता अभियान में कई जिले व विधानसभा क्षेत्र पिछड़ गए। अभियान में 85 लाख से ज्यादा सदस्य तो बन गए, लेकिन लक्ष्य के दावों से बहुत पीछे रहा। अब केंद्रीय नेतृत्व ने सदस्यता अभियान में काम नहीं करने वाले जिलों व विधानसभा क्षेत्रों को लेकर रिपोर्ट ली जा रही है। पार्टी के चुनावों में मौजूदा जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। कई जिलों में पदाधिकारी 50 हजार भाजपा सदस्य भी नहीं बना पाए।वहीं कई विधानसभा सीटों पर भाजपा सदस्यों की संख्या 20 हजार से भी कम रह गई। पार्टी का केंद्रीय व राज्य नेतृत्व इन जिलों व मंडल को लेकर गंभीर है। कई जिलाध्यक्षों ने सदस्यता अभियान के दौरान विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के सक्रिय नहीं होने की रिपोर्ट भी पार्टी को दी है। साल 2014 में सदस्यता अभियान से प्रदेश में करीब 83 लाख सदस्य बने थे।केंद्र ने दिया था एक करोड़ का लक्ष्य भाजपा सदस्यता अभियान में अब तक 85 लाख ही सदस्य बन पाए है। इसमें 65 लाख सदस्य ऑनलाइन और 20 लाख सदस्य ऑफलाइन बने हैं। यह अभियान 25 नवंबर को पूरा हो गया। सदस्यता अभियान की समय सीमा बढ़ाने और ऑफलाइन सदस्य बनाने की रियायत के बाद यह सदस्य बना पाए है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 60 हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला था।भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शुरुआत में राजस्थान को एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया था। इसके बाद राज्य नेतृत्व ने सवा करोड़ सदस्य बनाने का दावा किया था। लेकिन ऑफलाइन सदस्य बनाने में आ रही दिक्कत आ रही थी। ऐसे में लक्ष्य 75 लाख ही कर दिया गया।