कोटा विश्वविद्यालय, कोटा की ओर से श्री रामलक्ष्मण सैनी को वनस्पतिशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है। सैनी ने "एथनोबोटेनिकल स्टडीज इन हिंडोली एंड नैनवां तहसील ऑफ बून्दी जिला (राज.)" विषय पर शोध पूरा किया है। यह शोध राजकीय महाविद्यालय, कोटा की प्रो. वन्दना शर्मा के निर्देशन में पूर्ण किया गया। वर्तमान में बडौदिया, बून्दी निवासी श्री रामलक्ष्मण साहित्यिक राजकीय महाविद्यालय, कोटा में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। रामलक्ष्मण सैनी ने बताया कि यह एथनोमेडिसिन पादपों का फर्मास्युटिकल कंपनियों के लिए एक अमूल्य शोध साबित हो सकता है। जो नई दवाओं को विकसित करने में सहायक होगा। इस क्षेत्र के एथनोमेडिसिनल पादपों का वैज्ञानिक अध्ययन, पारम्परिक ज्ञान का संरक्षणएवं हेल्थकेयर में नवाचार को बढ़ावा देगा। इस क्षेत्र के अध्य्यन किए हुए एथडोमेडिसिनल पादप कईं सक्रिय योगिकों के श्रोत होते हैं। जो नई दवाओं के विकास व फॉर्मुलेशन की संभावनाओं को खोलते हैं।