भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कतर में हुए दोहा फोरम में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने डी-डॉलराइजेशन, रूस यूक्रेन वॉर, भू-मध्य सागर और दुनिया भर में फैले तनाव पर बात की। विदेश मंत्री ने बताया कि कैसे भारत, रूस और यूक्रेन से सीधे बात कर रहा है और दोनों देशों को एक-दूसरे के मैसेज पहुंचा रहा है।दोहा फोरम में डी-डॉलराइजेशन के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि हमने कभी इसकी वकालत नहीं की है और फिलहाल ब्रिक्स करेंसी का कोई प्रस्ताव नहीं है। ब्रिक्स देश इसे लेकर अलग अलग रुख रखते हैं।दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी डॉलर के अलावा किसी और करेंसी में ट्रेड करने पर BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की बात कही है। BRICS में भारत, रूस और चीन समेत 9 देश शामिल हैं। यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है। दुनिया भर में फैले तनाव पर जयशंकर ने कहा- हम आपस की साझा कड़ियां तलाश रहे हैं, जिन्हें सही वक्त आने पर इस्तेमाल किया जा सके। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा-अब वक्त की सुई युद्ध की जगह बातचीत की तरफ बढ़ रही है। वॉर की वजह से विकासशील देशों को महंगाई, भोजन, फ्यूल और फर्टिलाइजर की ऊंची कीमतों का सामना करना पड़ रहा है।