हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि घटिया सड़क निर्माण के दोषी ठेकेदारों को बुलडोजर के नीचे डाल दिया जाएगा। उनका आशय ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें आगे के ठेकों के लिए प्रतिबंधित करने और जुर्माना लगाने से था। आइए जानते हैं इसके बारे में।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे जैसे प्रोजेक्ट में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सड़क परिवहन मंत्रालय ने ठेकेदारों के कामकाज की समीक्षा के लिए नए मानक तय किए हैं। सड़क निर्माण में गुणवत्ता की परख और ठेकेदारों को अधिक जवाबदेह बनाने के लिए एनएचएआइ ने एक रेटिंग सिस्टम शुरू किया, जिसमें उनके काम का आकलन आसानी से किया जा सकेगा।
ठेकेदारों के काम की होगी समीक्षा
एनएचएआइ ने राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और उनके रखरखाव में शामिल ठेकेदारों के काम की समीक्षा के लिए एक प्रणाली विकसित की है। इस प्रणाली में हर ठेकेदार के कामकाज की छह महीने में समीक्षा की जाएगी और उससे जुड़े रेटिंग एनएचएआइ की वेबसाइट और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर डाली जाएगी ताकि कोई भी उसे आसानी से देख सके। आकलन की यह पद्धति खामी-खराबी दूर करने से लेकर फुटपाथ और सड़क की स्थिति की कसौटी पर आधारित होगी।
शून्य से लेकर 100 अंकों मिलेंगे
सौ तरह की खामियों को लेकर सड़क निर्माण और उसके रखरखाव की स्थिति को जांचा जा सकता है। इन खामियों के बारे में लोग एनएचएआइ के एप पर सूचित कर सकते हैं और यह देखा जाएगा कि उन्हें सही करने की दर क्या है। इसी तरह सड़क और फुटपाथ की स्थिति को शून्य से लेकर 100 अंकों के पैमाने पर जांचा जा सकता है।