राजस्थान सरकार अब अचल सम्पत्तियों (जमीन/मकान) का डेटाबेस तैयार करवाने की कवायद में जुटी है। इसके तहत लोगों को अपनी जमीन आधार से लिंक करवानी होगी। इसके जरिए एक यूनीक लैंड आईडी बनाई जाएगी। इसमें उस व्यक्ति की अचल संपत्ति संबंधी पूरी डिटेल होगी। हालांकि ये फिलहाल ऑप्शनल होगा, इसे अनिवार्य नहीं किया जाएगा।इसके पीछे का मुख्य कारण एक डेटाबेस तैयार करना है। दरअसल अभी ग्रामीण इलाकों में किसानों की जमीनों ऐसा कोई डेटा नहीं है कि किसके पास कितनी संपत्ति है। इसके तैयार होने से सरकार को अपनी हर योजना जो खासकर किसानों के लिए बनाई जाती है, उसे लागू करने में आसानी होगी।सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके इसके लिए रेवेन्यू डिपार्टमेंट को अधिकृत किया है। इसके तहत किसानों से अनुमति लेकर उसके आधार का वैरिफिकेशन करके ही उसकी यूनीक आईडी तैयार करने के निर्देश दिए हैं।