नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। आज भी संसद के बाहर विपक्ष का जोरदार हंगामा भी देखने को मिला। विपक्ष लगाकार अडानी और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर रहा है। लेकिन इस बीच विपक्ष खेमे में दरारें एक बार फिर खुलकर सामने आ गई हैं। 

 

समाजवादी और TMC ने किया प्रदर्शन से किनारा

ताजा जानकारी के अनुसार, जब कांग्रेस पार्टी के साथ अन्य विपक्षी पार्टियां संसद के बाहर अपने मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही थी तब कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां समाजवादी और TMC ने विरोध प्रदर्शन से किनारा कर लिया। 

 

वो लायक हैं तो चलाएंगे सदन- रेणुका चौधरी

वहीं, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भाजपा सरकार पर सदन नहीं चलाने का आरोप लगाया है। चौधरी ने कहा, हम सदन चलाने के लिए अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास करते हैं क्योंकि जनता हमसे उम्मीद करती है कि हम यहां उनकी आवाज मजबूती से उठाएंगे।उन्होंने आगे कहा, अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो वह चलेगी। अगर वे ऐसा नहीं चाहते हैं तो फिर साजिश क्या है, यह सबको पता है। सदन चलाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि जो लोग कुर्सी पर बैठे हैं और पदों पर हैं, वे इसके लिए जिम्मेदार हैं। अगर वो लायक हैं तो चलाएंगे और नालायक हैं तो नहीं चलाएंगे।

 

संभल हिंसा को लेकर पूरे विपक्ष ने किया वॉकआउट

उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा (Sambhal Violence) को लेकर मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित लगभग पूरे विपक्ष ने सदन से संक्षिप्त वाकआउट किया।जैसे ही सदन में प्रश्नकाल शुरु हुआ, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव अपनी सीट से उठे और इस मुद्दे को उठाते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से संभल हिंसा पर बोलने की अनुमति मांगी।

 

यादव को यह कहते हुए सुना गया, यह बहुत गंभीर मामला है। पांच लोगों की जान चली गई है।

 

जैसे ही अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य इस मुद्दे को शून्यकाल में उठा सकते हैं, यादव और उनकी पार्टी के साथी विरोध में सदन से बाहर चले गए। इस बीच, कुछ सपा सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए।

 

जब सपा सदस्य सदन के आसन के समीप आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब डीएमके सदस्य ए राजा को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों से उठकर सपा के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह करते देखा गया।