राजस्थान में जब भी सरकार बदलती हैं तो कई सरकारी योजनाओं के नाम भी बदल जाते हैं। जी हां, पूर्ववर्ती सरकार ने जिन योजनाओं का खूब प्रचार-प्रसार किया। भाजपा सरकार उन योजनाओं के नाम ही बदल दिए। खास बात ये है कि भजनलाल सरकार ने अब तक जिन योजनाओं के नाम बदले हैं। उनमें अधिकतर योजनाओं के नाम पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखे हुए थे। दरअसल, दिसंबर 2018 में जब अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। तब कांग्रेस सरकार ने वसुंधरा राज की कई योजनाओं के नाम बदल दिए थे। इसके बाद जैसे ही दिसंबर 2023 में राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनी तो गहलोत राज की कई योजनाओं पर कैंची चलाने के साथ ही कई योजनाओं के नाम पलट दिए। राजस्थान की भजनलाल सरकार का एक साल का कार्यकाल अगले महीने पूरा होने जा रहे है। ऐसे में हम बताने जा रहे हैं, गहलोत राज की उन योजनाओं के बारे में जिनको बीजेपी सरकार ने बंद किया और नाम बदले हैं। राजस्थान में बीजेपी ने सत्ता में आते ही गहलोत राज की कई योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिनमें से सबसे अहम योजना थी इंदिरा स्मार्ट फोन योजना। 1.35 करोड़ महिलाओं को फ्री स्मार्ट फोन और तीन साल तक इंटरनेट डेटा फ्री देने के लिए गहलोत राज में ये योजना शुरू की गई थी। लेकिन, भजनलाल सरकार ने इसे महज चुनावी योजना बताते हुए बंद कर दिया। इसके बाद राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम को भी बंद कर दिया गया था। गहलोत राज में सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए यह योजना शुरू की गई और इसमें 5 हजार युवाओं नौकरी दी गई थी। लेकिन, इस योजना के बंद होते ही वे युवा बेरोजगार हो गए थे।