सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने की वकालत की। उन्होंने पारंपरिक संपादकीय निगरानी की कमी पर प्रकाश डाला और भारत और इन प्लेटफॉर्म के क्रिएटर देशों के बीच सांस्कृतिक अंतर पर जोर देते हुए सख्त नियमों की मांग की। उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए संसदीय समीक्षा और सख्त कानून बनाने का सुझाव दिया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर 'अश्लील' कंटेंट से निपटने के सरकार के प्रयास के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसा 'हमारी संस्कृति और इन प्लेटफार्मों से आने वाले देशों की संस्कृति के बीच अंतर (पश्चिम की ओर से इशारा करते हुए) का परिणाम है।'
अश्विनी वैष्णव भाजपा सांसद अरुण गोविल द्वारा सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर उपलब्ध ऑनलाइन 'एब्यूसिव' कंटेंट की जांच के लिए कानूनों के बारे में शून्यकाल प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, 'हमारे देश और जिन देशों से ये प्लेटफॉर्म आते हैं, वहां की (सांस्कृतिक) संवेदनशीलताओं में बहुत अंतर है। इसलिए, मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए... मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं।'