देवेंद्रनगर में मोटर साइकिल की भिड़ंत में दो लोग घायल
देवेंद्रनगर (पन्ना): देवेंद्रनगर इस समय हादसों का शहर बनता जा रहा है, जहां विशेष रूप से मुख्य सड़क मार्ग दुर्घटनाओं का गढ़ बन चुका है। इसी सिलसिले में, कल रात लगभग 7:00 बजे, मुख्य तिराहे से सलेहा रोड की सब्जी मंडी के पास सहारा बूट हाउस के सामने दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर हो गई। दुर्घटना में सलेहा का निवासी अजय और भिलसाय के दिनेश साहू घायल हो गए।
बताया जा रहा है कि अजय नशे की हालत में था और वह गलत दिशा से आ रहा था। दोनों घायलों को स्थानीय लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवेंद्रनगर में भर्ती कराया, जहां अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि अजय नशे में था और पूरी तरह से होश में नहीं था।
इसके अलावा, सब्जी मंडी के आसपास सड़क किनारे भीड़भाड़ और ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, जो हादसों की वजह बन रही है। इस भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती जरूरी है, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में कई दोपहिया वाहन चोरी और दुर्घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस नगर से दूर जाकर चेकिंग पोस्ट लगाती है, जबकि नगर क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति कम है। चेकिंग के दौरान किस वाहन के दस्तावेज सही पाए गए, कितने चालान किए गए, और जुर्माना कितनी राशि वसूली गई, इस बारे में पत्रकारों या जनप्रतिनिधियों को कोई जानकारी नहीं दी जाती। यह सवाल उठता है कि क्या वाहन चेकिंग सिर्फ खानापूर्ति के लिए की जाती है या इससे कोई वास्तविक सुधार हो रहा है।
इसी तरह, नगर के एक विशेष मोहल्ले में अवैध शराब निर्माण और अन्य अवैध गतिविधियाँ भी किसी से छिपी नहीं हैं। पुलिस द्वारा कभी-कभी कार्रवाई की जाती है, लेकिन यह समस्या वर्षों से जस की तस बनी हुई है। इस क्षेत्र में कच्ची शराब और जिस्मफरोसी का कारोबार बंद नहीं हो रहा है, जिससे युवाओं की जिंदगी पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसा लगता है कि पुलिस का ढुलमुल रवैया या उनकी मोटी कमाई का यह साधन है, जिससे इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह सवाल भी उठता है कि क्या पुलिस और प्रशासन वास्तव में जनता की सुरक्षा और कल्याण के लिए काम कर रहे हैं, या सिर्फ अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के नाम पर काम चला रहे हैं।