दौसा से भाजपा के पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा ने मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के बयानों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- दौसा की जनता को धन्यवाद देने की जगह उस पर आरोप लगाना अन्याय है। महाराष्ट्र और हरियाणा में भी विपक्ष ने हार कबूल की। हार पचाना हर किसी के बस का रोग नहीं है।वो जयचंद कह रहे हैं। उनका एक डायलॉग और देखा। मेघनाद बनकर लक्ष्मण जैसे भाई को मारने की बात कर रहे थे। डॉक्टर साहब ने साधु वेश में भिक्षा भी मांगी। यह तो पब्लिक है, लोगों ने यह फैला दिया कि रावण ने भी साधु बनकर भिक्षा मांगी थी। सीता को हरण करके ले गया था। हमें समझ नहीं आ रहा वो किसे मेघनाद कह रहे हैं? शंकरलाल शर्मा ने कहा- दौसा को लेकर शुरुआत में मेरा विरोध था। विरोध केवल इस बात का था कि जनरल सीटों के ऊपर हर समय एसटी को टिकट देंगे। आखिर जनरल कहां जाएगा? डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा को ले लीजिए। दूसरों को छोड़ो, डॉक्टर साहब के भतीजे को महुआ में टिकट दे दिया। खुद डॉक्टर साहब को सवाई माधोपुर दे दिया। भाई को दौसा में दे दिया। यह तो विरोध आपस में चलता रहता है। शंकरलाल शर्मा ने कहा- जहां तक चुनाव में मेरे दिखाई नहीं देने का सवाल है। यह इलेक्शन है। चारों तरफ से ब्राह्मणों को, हर कास्ट के नेताओं को दौसा के अंदर लाकर डाल दिया। जब मैं दौसा का एमएलए रहा हूं। उसके बाद में दो चुनाव लड़ चुका हूं और सेवा की है। लोगों से इज्जत प्राप्त की है, लेकिन उसके बावजूद भी मेरे को पूछा नहीं गया। बिन पूछे कहा जाता। एक बात तो है ब्राह्मण आदमी हूं, मैं बिना बुलाए भगवान के भी नहीं जाऊंगा। जब मेरी जरूरत ही नहीं है तो मैं क्यों जाऊं?