भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर G7 देशों के विदेश मंत्रियों की मीटिंग अटेंड इटली पहुंचे हैं। यहां उन्होंने इटैलियन न्यूज पेपर कोरिएरे डेला सेरा से यूक्रेन वॉर और भारत-चीन समेत कई मुद्दों पर बात की। जयशंकर ने यूक्रेन वॉर डिप्लोमैटिक हल पर जोर दिया। उन्होंने कहा, यूक्रेन युद्ध का कोई सैन्य समाधान नहीं है। इसके लिए नए सिरे से डायलॉग शुरू किया जाना चाहिए"।यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि, हर क्षेत्र को अर्थव्यवस्था की हकीकत के बारे में सोचना चाहिए। अगर यूरोप पर अपने सिद्धांतों की इतनी ही परवाह है तो उसे खुद रूस के साथ अपने सभी व्यापार खत्म कर देने चाहिए। जयशंकर ने मॉस्को और कीव के साथ-साथ इस युद्ध से जुड़े सभी पक्षों को बातचीत में शामिल करने के लिए डिप्लोमैटिक कोशिशों को बढ़ावा देने की वकालत की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, खास तौर पर भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा- "यूरोपियन यूनियन भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर और इन्वेस्टर है। हम पिछले कुछ सालों से लगातार बड़े समझौते कर रहे हैं। मैं दोनों के बीच पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते स्ट्रैटेजिक समझौतों को देख रहा हूं। उन्होंने सुझाव दिया कि दोनों के लिए फायदेमंद समझौता आर्थिक सहयोग को बढ़ा सकता है।